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| क्र. विषय श्लोक | क्र० विषय
श्लोक सं० सं० । सं०
. सं० ५४५ इसकी लम्बाई-चौड़ाई आदि ४५६७ उसके मुख्य कमल की लम्बाई ४५ ५४६ नौ शिखरों की उपमा
| आदि का मान ५४७ उनके नाम तथा स्वामी देवों के नाम ७५६८ उसके वलय आदि ५४८ उसके ऊपर स्थित केशरी सरोवर १६ ५६६ उसकी अधिष्ठात्री देवी के भवन ४६ के विषय में
. आदि . . . . . ५४६ इसके नाम की सार्थकता १७|५७० इससे निकलती नदियों के विषय में४७ ५५० निकलती नदियों के विषय में १८/५७१ नरकान्ता नदी के निकलने से ४८ ५५१ नारी कान्ता नदी के निकलने से . समुद्र मिलन तक का वर्णन ४८
समुद्र मिलन तक वर्णन २०५७२ रूपय कूला नदी के निकलने से ५१ ५५२ सरोवर के मुख्य कमल का मान २४ | समुद्र मिलन तक का वर्णन ५५३ उसके वलय के कमलों का मान २४ / ५७३ हैरयेयवंत क्षेत्र . ५५ ५५४ उनकी स्वामिनियों के आयुष्य तथा २५/५७४ हैरएयवंत क्षेत्र का स्थान : ५५ स्थान
[५७५ उसके नाम की सार्थकता रम्यक क्षेत्र
५७६ प्रभाव-प्रमाण आदि ५५५ स्म्यक क्षेत्र के स्थान आदि २६/५७७ विकटापांती वृत वैताढ्य का . . ६२ ५५६ इसके नाम की सार्थकता २७| | आकार आदि ५५७ इसकी लम्बाई-जीवा-घनुपृष्ठ २८/५७८ उसके नाम की सार्थकता ६३ आदि का मान
५७६ उसके स्वामी देवों के नाम तथा ६४ ५५८ इसमें आये माल्यवान वृत-वैताढ्य ३० आयु स्थिति का स्थान
|५८० 'चारों वृत वैताढ्य के मतान्तर के ५५६ इसके नाम की सार्थकता ३१ | | विषय में ५६० इसके स्वामी देवों के नाम- ३२५८१ शिखरी पर्वत . आयुष्य-राजधानी
५८२ शिखरी पर्वत का स्थान रूक्मी पर्वत
५८३ इसके नाम की सार्थकता ५६१ रूक्मी पर्वत का स्थान ३४/५८४ ग्यारह शिखरों की उपमा ५६२ उसकी लम्बाई आदि
५८५ उनके नाम तथा स्वामी देवों के ७१ ५६३ इसके नाम की सार्थकता | नाम ५६४ आठ शिखरों का नाम तथा उनके ५८६ पुंडरीक सरोवर, उसमें स्थित ७७ स्वामियों के नाम
३८| कमल आदि का वर्णन ५६५ उन शिखरों के मान आदि ४३ | ५८७ इस पर्वत की जया-बाह्या आदि ७६ ५६६ महापुण्डरीक सरोवर के विषय में ४४ | | के मान . .