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क्र०
विषय
श्लोक | क्र० विषय सं० । सं०
श्लोक . सं०
सं०
३६६ उसकी ऊँचाई विस्तार आदि २६८ | ३६३ विड़िम शाखा के सिद्ध मन्दिर. ३१२ ३७० उसकी परिधि आदि २७०/ की लम्बाई-चौड़ाई ३७१, उसकी शोभा का कारण २७२ / ३६४ उसमें स्थित मणि पीठिका का ३१३ ३७२ इस कांचन पर्वत के नाम की २७३ वर्णन शोभा
| ३६५ मूल जम्बू वृक्ष के परिवार, रूप ३१६ ३७३ इस पर्वत के ऊपर के महलों का २७४ | जम्बू वृक्षों की संख्या वर्णन
३६६ वृक्ष की पद्म वेदिका के बारे में. ३१८ ३७४ इसके अधिपतियों की आयु- २७६ |
२७६ | ३६७ इन वृक्षों का उपयोग .. ३१६ समृद्धि तथा राजधानी
३६८ जम्बू वृक्ष में जिन भवन होते है। ३७५ सुदर्शन वृक्ष का वर्णन
या नहीं, इस विषय में मतान्तर पाठ ३७६ सुदर्शन वृक्ष का स्थान
३६६ स्वामी देव के परिवार के जम्बू ३२० ३७७ जम्बू पीठ का स्थान
वृक्षों की संख्या . . ३७८ उसकी लम्बाई-चौड़ाई आदि २८१ [५००
|४०० इस जम्बू वृक्ष के तीन वनों का ३३० ३७६ उसकी पद्म वेदिका आदि २८३
वर्णन ३८० पीठ के द्वारों का वर्णन
४०१ वन खंड के ईशान कोण में रहे ३३६ ३८१ इस जम्बू वृक्ष के सब अंगों की
चार बावड़ियों का वर्णन विशेषता
४०२ उनकी लम्बाई-चौड़ाई आदि. ३३६ ३८२ विडिम शाखा विषय में विशेष
|४०३ वायव्य कोने में रहे बावड़ियों वर्णन
के नाम तथा नाम में मतान्तर पाठ ३८३ इसके स्कंध की ऊँचाई आदि
२६६|४०४ अग्नि कोण की चार बावड़ियों ३४४ ३८४ विड़िम शाखा की ऊँचाई
| के नाम आदि .. .. ३८५ सम्पूर्ण जम्बू वृक्ष की ऊँचाई ३०१
४०५ नैऋत्य कोने की चार बावड़ियों ३४२ ३८६ चार दिशाओं की शाखाओं के ३०२
के नाम आदि बारे में
|४०६ आठ दिशाओं के आठ कूटों का ३४७ ३८७ जम्बू वृक्ष चौड़ाई का मान ३०४
वर्णन ३८८ शाखा बीच स्वामी देवों के भवनों ३०५
| ४०७ उनकी लम्बाई-चौड़ाई आदि ३५६ के विषय में
४०८ इन कूटों के लगते बागीचों का ३६० ३८६ इन भवनों की लम्बाई आदि मान ३०६
वर्णन . - ३६० उनमें मणि पीठिका का वर्णन ३०८
४०६ जम्बू वृक्ष के अन्य नाम • ३६२ ३६१ उसकी अन्य शाखओं का वर्णन ३०६ ३६२ भवन और प्रासादों में फेरबदल ३११
४१० इसके स्वामी देवों के पूर्व भव ३६५ |४११ इनके सेवक देव
३६६ के विषय में
३००