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सं०
क्र० विषय श्लोक | क्र० विषय
श्लोक सं० सं०
सं० १०६ उसमें स्थित देव छन्दक का वर्णन२०५ १२८ उसके पर्वत ऊपर विचरण योजन २३७ ११० शेष शिखरों पर स्थित सिद्ध २०७ | | का मान मन्दिरों का विवरण
|१२६ उसकी लहरें भंवर आदि.का २३६ १११ उनके अधिपति देव-देवियाँ २०६] वर्णन घोंघे, मगरमच्छ . ११२ अधिपति भोगवती छ: देवियों के २१०/१३० नदी के गिरने के स्थान गंगा प्रपात२४० नाम
का विवरण ११३ उनका आयुष्य तथा राजधानी के २११/१३१ उस कुंड़ के आस पास का वर्णन २४३ नाम
|१३२ कुंड़ के अन्दर के गंगाद्वीप का २४५ ११४ पद्म सरोवर की लम्बाई-चौड़ाई २१४] वर्णन का मान
|१३३ उसमें स्थित गंगा देवी के भवन २४६. ११५ पद्म वेदिका तथा वन का वर्णन २१५]
का वर्णन ११६ पद्म सरोवर के कमल का मान २१८/१३४ गंगा प्रपात से गंगा का आगे : २४७ तथा उसका वर्णन
बहना तथा समुद्र में मिलन . ११७ कमल का मूल से ऊपर तक का २२१/१३५ उसकी शुरूआत में गहराई व २५० वर्णन
| चौड़ाई . . ११८ कमल की कर्णिका में स्थित २२२/१३६ उसकी समुद्र में मिलते समय २५३ भवनों के बारे में
| गहराई व चौड़ाई ११६ उन भवनों का मान तथा उनमें २२३/
...१३७ गंगा के संगम स्थान पर मगध २५५
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. स्थित मणिपीठ के बारे में
तीथ का वर्णन
१३८ सिन्धु नदी के संगम स्थान पर २५६ १२० मूल कमल के फिरते वलय के २२६/२०
प्रभास तीर्थ के विषय में बारे में
|१३६ वरदाम तीर्थ का स्थान १२१ प्रथम वलय में कमलों की संख्या २२७/
|१४० तीथ के अर्थ घटन
२५७ १२२ दूसरे वलय में कमलों की संख्या २२८
|१४१ उन तीर्थों के अधिपतियों तथा २५८ १२३ तीसरे वलय में कमलों की संख्या २३२| उनकी राजधानी के बारे में १२४ चौथे-पाँचवें-छठे वलय में २३३/११२ उन तीर्थों का विशेष प्रयोजन । कमलों की संख्या .
सिन्धु नदी का वर्णन १२५ सब कमलों की संख्या २३५/१४३ एक सरोवर से उसका निकास २६० १२६ छः वलयों के प्रकार के सम्बंध में १४४ सब वर्णन
. २६३ विवरण
पाठ १४५ ३६ बिलों के स्थान के बारे में २६४ १२७ पद्म सरोवर से निकली गंगा नदी २३६/१४६ पदम सरोवर की उत्तर तरफ से २६७ का प्रसार
रोहिताशा का निकालना
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