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सं०
२४५
२६५
क्र० विषय श्लोक | क्र० विषय श्लोक
सं० | सं० ७० उसमें स्थित स्तूपों का वर्णन १६७६३ अभिषेक सभा का वर्णन २४१ ७१ शाश्वत प्रतिमाओं की संख्या १६६ / ६४ अलंकार सभा का वर्णन २४२ ७२ उनकी ऊँचाई तथा नाम २००६५ व्यवस्था सभा का वर्णनः २४३ ७३ पीठीका के सामने मणि पीठिका २०१६६ बलिपीठ का का वर्णन का वर्णन
|६७ वैजयन्त आदि शेष तीन द्वारों के २४७ ७४ पीठिका के चारों तरफ वृक्ष तथा २०२ | स्वामियों का वर्णन २४७ उनका वर्णन
६८ इन चारों द्वारों के अन्दर के भाग २५३ ७५ इन वृक्षों की मणि पीठिका का २०५ का वर्णन वर्णन
६ जम्बूद्वीप के अन्दर के भाग का २५७ ७६ इनके इन्द्रध्वज का विवरण २०७ वर्णन ७७ इन्द्रध्वज के सामने पद्म- २०८/१०० सात क्षेत्रों के नाम २५६ - वेदिकाओं का वर्णन
१०१ छः पर्वतों के नाम
२६१ ७ इनकी पुष्करिणी का वर्णन २०६/१०२ सर्ग समाप्ति ७६ सुधर्मा सभा के मध्य भाग का २०६
सोलहवां सर्ग वर्णन . .
| १ भरत क्षेत्र के वर्णन .८० उसमें स्थित आसनों की संख्या, २१० २ भरत क्षेत्र की नाम की सार्थकता ३ ८१ धूप वासिनी पीठिका आदि २१३ के विषय में ८२ सभा की मणि पीठिका का वर्णन २१६ | ३ भरत क्षेत्र के विष्कंभ का ज्ञान ६ ८३ उसमें स्थित मणि पीठिका का २१६, ४ भरत क्षेत्र के जीवों का ज्ञान ७ • . वर्णन
५ भरत क्षेत्र के घनुपृष्ठ का ज्ञान ८ ८४ उसमें रही खूटियों का वर्णन २१६] ६ भरत क्षेत्र की बाह्या के विषय में ६ ८५ जिनेश्वर भगवान की अस्थियों २२०/
७ भरत क्षेत्र के क्षेत्रफल का ज्ञान १० . . का स्थान
८ भरत क्षेत्र के घन क्षेत्रफल का ज्ञान ११ ८६ इन अस्थियों का महत्व - २२२/ ६ भरत क्षेत्र के कला क्षेत्रफल का ज्ञान १२ ८७. अन्य इन्द्रध्वजों का वर्णन २३१ | १० भरत क्षेत्र के विकला क्षेत्रफल का १३ ८८ सिद्धायतन का वर्णन २३३ ८९ उसमें स्थित मणि पीठिकाओं का २३४ | ११ क्षेत्रों तथा पर्वतों के व्यास के विषय १६
वर्णन १० उसमें स्थित देवछन्द का वर्णन २३५ / १२ जम्बूद्वीप की लम्बाई तथा चौड़ाई २२ ६ उपपात सभा का वर्णन २३७/ १३ भरत क्षेत्र का 'विष्कंभ' और मान ३० ६२ सरोवर का वर्णन २४० १४ भरत क्षेत्र की 'जीवा' और मान ३१.
- m.w9
ज्ञान