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________________ (xxiv) श्लोक | सं० क्र०, विषय श्लोक क्र० विषय सं० | सं० सं० ६४ उनकी शक्ति क्षेत्र आदि का प्रमाण१६६/८३ उनके देवों की संख्या तथा २३८ ६५ ऊर्ध्व लोक में जीवों का प्रयोजन २०० आयुष्य नाग कुमार जाति के देवों, धरणेन्द्र ८४ भूतानंद की छ: पटरानियों का २४० का वर्णन और उनका पूर्वभव। नाम ६६ उनकी पर्षदा के देवों की संख्या २११ |८५ चार लोक पालों के नाम २४१ ६७ उन देवों की आयुष्य स्थिति २१२ ८६ सात सेना तथा सेनापतियों के २४३ ६८ पर्षदा में देवियों की संख्या तथा २१३ नाम आयुष्य सर्व देवों की संख्या २४४ ६६ उनकी छः पटरानियों के नाम उनका आयुष्य तथा साम्राज्य २४६ पालन ७० हर एक का परिवार तथा विकुवर्णा शक्ति | उत्तर तथा दक्षिण दिशा के बाकी २५१ .७१ शेष के दक्षिण के नौ इन्द्रों की । इन्द्रों तथा लोक पालों के नाम . पटरानियाँ |६० सुपर्ण कुमार जाति के देवों के २५४ ७२ उन सबके पूर्वभव — । इन्द्र का वर्णन ७३ उत्तर दिशा के इन्द्रों की - ६१ विद्युत कुमार जाति के देवों के २५७ - पटरानिक के पूर्वभव . इन्द्र का वर्णन ७४ इनके लोकपाल तथा उनकी । ६२ अग्नि कुमार जाति के देवों के २६० .. पटरानियों केनाम | इन्द्र का वर्णन ७५ धरणेन्द्र की सात सेना तथा ' २२७/६३ द्वीप कुमार जाति के देवों के २६३ . . . सेनापतियों के नाम । इन्द्र का वर्णन ७६ पैदल सेनापति की कच्छा की २३०/६४ उदधि कुमार जाति के देवों के २६६ . .संख्या . इन्द्र का वर्णन ७७ घरेणेन्द्र के देवों की संख्या : २३१/६५ दिग कुमार जाति के देवों के इन्द्र. २६६ ७८ उनके अंगरक्षक देवों की संख्या २३२ | | का वर्णन ७६ उनके आयुष्य तथा साम्राज्य का २३३/६६ वायु कुमार जाति के देवों के इन्द्र २७२ .. पालन का वर्णन ८० उनके शरीर का वर्णन तथा चिन्ह २३४/६७ स्तनित कुमार जाति के देवों के २७५ ८१ उनकी सार्मथ्य उत्तर दिशा के २३५] इन्द्र का वर्णन इन्द्र भूतानंद ६८ बाकी १८ असुरेन्द्रों का एक साथ २८२ . ८२ भूतानंद की पर्षदा के देवों की २३६ वर्णन संख्या तथा आयुष्य . - ६६ उनकी आयुष्य २६१
SR No.002272
Book TitleLokprakash Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandrasuri
PublisherNirgranth Sahitya Prakashan Sangh
Publication Year2003
Total Pages572
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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