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सं०
क्र० विषय श्लोक क्र० विषय
श्लोक सं० | सं०
सं० २२ उन सामानिक-त्राय त्रिंशक देवों १००/ ४५ बलीन्द्र के सामानिक और १५८ की संख्या
| त्रायत्रिंशक देवों की संख्या . २३ उन त्रायत्रिशंक देवों के पूर्वभव १०२ ४६ वर्तमान में त्रायत्रिंशक देवों के १५६ २४ उनकी तीन सभाओं के नाम १०८ पूर्व भव . ... २५ तीन सभाओं के देव-देवी तथा १०६ ४७ तीन सभा और उसके देवों की १६१ उनकी आयुष्य स्थिति
संख्या . . . . . २६ उनकी पाँच पटरानी, उनके नाम ११५ ४८ तीन सभाओं की देवियों की... १६२ २७ प्रथम पटरानी का पूर्वभव का ११५ संख्या . . . . . वृतान्त
४६ देव-देवियों की आयुष्य स्थिति १६३ २८ शेष चार का थोड़ा वर्णन १२० | ५० उन सामानिक आदि की तीन- १६४ . २६ उनकी आयुष्य
१२१/• तीन सभा - ३० उनका परिवार
१२३ | ५१ उनकी अग्र महिषियों के नाम १६५ ३१ चमरेन्द्र के लोक पालों के नाम १२५ तथा परिवार ३२ उनकी चार-चार पटरानियों के १२६ | | ५२ बलीन्द्र के दैवी सुख का वर्णन १६६ नाम ५३ लोकपालों के नाम
१६७ ३३ उनका परिवार
१२७ ५४ उनके पटरानियों के नाम .. १६८ ३४ उनकी पाँच सेनाओं के नाम १२६/५५ उनके सात सेनापतियों के नाम. १७० ३५ सात सेनापतियों के नाम १३३ | ५६ 'पैदल सेना की कच्छा के देवों १७२ ३६ पैदल सेना की कच्छा का वर्णन १३४] की संख्या : ३७ उनके आत्मरक्षक देवों की संख्या १३७ | ५७ उसमें सब देवों की संख्या का १७३ ३८ चमरेन्द्र के आभूषण आदि का १३८ वर्णन वर्णन
| ५८ असुरों की उत्पत्ति का स्थान १७६ ३६ चमरेन्द्र का आयुष्य तथा भवान्तर १४२ ५६ उनके वर्ण तथा वस्त्र आदि. १८१ ४० चमरेन्द्र की सार्मथ्य का वर्णन १४४ | ६० उनके सुख का वर्णन .. १८३ ४१ उनके लोक पाल आदि की १४६/६१ उनके देहमान तथा उत्तर वैक्रिय १८६ सार्मथ्य
शरीर • दूसरे बलीन्द्र का वर्णन ६२ उनकी दिशा सम्बंधी आयुष्य १८८ ४२ बलीन्द्र का उत्पात पर्वत का स्थान१४७/ स्थिति ४३ बली चंचा नगरी का स्थान १५३/६३ उनके श्वासोच्छवास प्रमाण तथा १६३ ४४ बलीन्द्र की तरह किसकी उत्पत्ति १५७ / आहार का अन्तर '