Book Title: Yatindrasuri Diksha Shatabdi Samrak Granth Author(s): Jinprabhvijay Publisher: Saudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh View full book textPage 2
________________ :: परिचय नाम पिताजी का नाम मातेश्वरी का नाम भाईयो का नाम बहिनो का नाम :श्री रामरत्न राजजी : रायसाहब श्रेठीवर्य श्री वज्रलालजी जैन :श्रीमती चम्पाकुवंरजी :श्री बड़ेभाता दुल्हीचन्दजी छोटेभाइ श्री किशोरमलजी बड़ी बहन श्रीमती गंगाकुंवरी व छोटीबहिन रमाकुंवरी : धौलपुर (राजस्थान) सं.1940 :प्रभु श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी महाराज खाचरौद नगर, जि.उज्जैन (म.प्र.) जन्म नगर दीक्षा गुरु दीक्षा स्थान दीक्षा के बाद मुनि जीवन का नाम बागरा राजस्थान में प्रदान : मुनिराज श्री यतीन्द्रविजय महाराज सं.1958 : व्याख्यान वाचस्पति सं.1977 की मानद उपाधि :पिताम्बर विजेता रतलाम नरेश श्रीमन्त सज्जनसिंहजी व्दारा पण्डित वयं की उपधि में कौन सी पदवी दी उपाध्याय पद कौन से नगर में दिया आचार्य पद कहां प्रदान हआ कौन से तीर्थ की स्थापना की जिन मन्दिरो का जिर्णोध्दार करवाया हीरक जयन्ती महोत्सव कहा व कब मनाया साहित्य साधना : जावरा जि. रतलाम (म.प्र.) सं. 1980 आहोर. जिः जालौर.राजस्थान सं. 1995 श्री लक्ष्मणजी जैन तीर्थ (जिःझाबुआ) म.प्र. :श्री मोहनखेड़ा तीर्थ,भाण्डवपुर तीर्थ गुरु तीर्थ स्थापना का संदेश :खाचरौद नगर (म.प्र.) सं. 2015 : स्वर चितविविध विषय की 61 पुस्तको का प्रकाशन करवाया : श्रीमत राजेन्द्र सूरी -जैन दादावाड़ी गुरु तीर्थ, जावरा सं. 2015 : श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में सं. 2017 स्वर्गवास कहां व कब Jain Education International For Private & Personal use. OnlyPage Navigation
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