Book Title: Yashovijayji ka Adhyatmavada
Author(s): Preetidarshanashreeji
Publisher: Rajendrasuri Jain Granthmala

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Page 454
________________ ४४८/साध्वी प्रीतिदर्शनाश्री न्यायलोक. श्री यशोविजयजी गणि दिव्यदर्शन ट्रस्ट, मुम्बई दिव्यदर्शन ट्रस्ट, मुम्बई स्याद्वादरहस्य श्री यशोविजयजी गणि २०. . योगदृष्टि समुच्चय हरिभद्रसूरि दिव्यदर्शन ट्रस्ट, कुमारपाल, वि. शाह ६८, गुलालवाड़ी, मुम्बई २१. ललितविस्तरा हरिभद्रसूरि दिव्यदर्शन ट्रस्ट, कुमारापाल वि. शाह, ३६, कलिकुट सोसायटी, धोलका २२. पंचवस्तुक ग्रंथ हरिभद्रसूरि अरिहंत आराधक ट्रस्ट, ४८१ गनीअपार्टमेंट, मुम्बई-आगरा रोड़, भिवंडी २३. पं. श्रीराम शर्मा संस्कृति संजीवनी श्रीमद्भागवत एवं गीता अखण्ड ज्योति संस्थान, मथुरा, सन् १९६५ विज्ञान और अध्यात्म पं. श्रीराम शर्मा परस्पर पूरक अखण्ड ज्योति संस्थान, मथुरा, सन् १६६५ षोडशक प्रकरण हरिभद्रसूरि श्री अंधेरी गुजराती जैन २६. अष्टक प्रकरणम् हरिभद्रसूरि पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी, २००० २७. पन्चाशक प्रकरण हरिभद्रसूरि पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी, २००० २८. शास्त्रवातसमुच्चय हरिभद्रसूरि दिव्यदर्शन ट्रस्ट, ६८, गुलालवाड़ी, मुम्बई, वि. सं. २०४४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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