Book Title: Yashovijayji ka Adhyatmavada
Author(s): Preetidarshanashreeji
Publisher: Rajendrasuri Jain Granthmala

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Page 2
________________ प्राच्यविद्यापीठ शाजापुर (म.प्र.) पर उपलब्ध प्रकाशन 1. जैन दर्शन केनव तत्व Peace and Religious Hormony 3. अहिंसा की प्रासंगिकता 4. जैन धर्म की ऐतिहासिक विकासयात्रा 5. जैनगृहस्थ के षोडशसंस्कार 6. जैन मुनि जीवन के विधि-विधान 7. अनुभूति एवं दर्शन 8. जैन विधि-विधानों के साहित्य का बृहद् इतिहास . 9. प्रतिष्ठा, शान्तिककर्म, पौष्टिक कर्म एवं बलि . विधान 10. प्रायश्चित, आवश्यक, तपएवं पदारोपण विधि 11. जैनदर्शन में समत्व योग 12. जैन दर्शन में त्रिविध आत्मा की अवधारणा 13. जैनधर्म में ध्यान की ऐतिहासिक विकास यात्रा 14. प्राकृत और संस्कृत जैन साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा 15. उपदेश पुष्पमाला 16. सुक्तिरत्नावली 17. अध्यात्मसार 18. उपा. यशोविजयजी का अध्यात्मवाद 19. ऋषिभाषित का दार्शनिक अध्ययन 20. सागर जैन विद्या भारतीभाग 1 से 7 21. जैन, बौद्ध और हिन्दूधर्म दशर्न के संदर्भ में भारतीय आचार शास्त्र-एक अध्ययन खण्ड 1 एवं 2 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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