Book Title: Vyavahar Sutram Part 04
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Omkarsuri Gyanmandir Surat
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श्री व्यवहारसूत्रम्
गाथा
विषयः २६१८............ त्रिपृष्ठोदाहरणम् ............
११०६-११०७ २६१९-२२ .......... निर्जण्या बलवत्तादिः ...........
११०७-११०८ २६२३..... ....... सूत्रा-ऽर्थ-तदुभयानां क्रमशः प्राबल्यम् . .........११०८ २६२४-२८ अर्थवाचनाचार्येण अभ्युत्थानं न कार्यम् .....
११०८-१११० २६३०-३९............. अभ्युत्थाने व्याक्षेपतादिदोषाः
१११०-१११४ २६४०-४५ ............... अभ्युत्थानस्य कारणत्रयम्
१११४-१११५ २६४६-४७ .......... ...... वाचनाचार्यस्य सेवायां दृष्यन्तः ............. ..... १११५-१११६ २६४८................ सेवानिरपेक्षस्य दण्ड: ...........
.... १११६ २६४९-५३ ..................... सेवाकरणे लाभ: ...............
... १११६-१११८ २६५४-५५ .....
आचार्यस्य अन्ये पञ्च अतिशयाः ......... .......... १११८ २६५६.............. उत्कृष्टे भक्तपाने १-२.............
१११८ २६५६-८........................... उपधिधावनम् - ३....................................................१११८-१११९ २६५९-६१ प्रशंसनम् ४...............
..१११९ २६६२-६३ .................... . हस्त-पादादि प्रक्षालनम् ३.
११२० २६६४-७२... .. अतिशयानां परिभोगाऽपरिभोगे आर्यसमुद्र
| भाग-४
विषयानुक्रम
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