Book Title: Vivek Manjari Part 02
Author(s): Chandranbalashreeji, Pandit Hargovinddas
Publisher: Jain Vividh Sahitya Shastramala
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१४]
[विषयानुक्रमणिका
विषयः गाथा/पृष्ठाङ्क विषयः
गाथा/पृष्ठाङ्कः अन्यत्वभावना ११४-११५/६१७-६१८ प्रमादपश्चात्तापः १३३-१३५/६२९-६३१ अशुचित्वभावना ११६/६१८-६१९ मिथ्यात्वत्यागोपदेशः १३६/६३१-६३२ आश्रवभावना ११७-११८/६१९ तत्त्वरहस्यम् . १३७-१३८/६३२ संवरभावना ११९/६१९-६२० सम्यक्त्वोपदेशः- १३९/६३३ निर्जराभावना १२०/६२० चारित्रोपदेशः
१४०/६३३ लोकभावना १२१-१२२/६२०-६२२ प्रमादत्यागोपदेशः १४१/६३३-६३४ बोधिभावना १२३/६२२-६२३ नमस्कारोपदेशः १४२/६३४ स्वाख्यातधर्मभावना १२४-१२५/६२३-६२४ | समाप्तिमङ्गलम् १४३/६३४-६३५ धर्ममाहात्म्यम् १२६-१२९/६२४-६२७ | प्रशस्तिः
१४४/६३५-६३७ अन्तरङ्गकुटुम्बनिर्देशः १३०-१३२/६२७-६२९
परिशिष्टानि
[१] परिशिष्टम्-विवेकमञ्जरीमूलगाथा
६३९/६४९ [२] परिशिष्टम्-विवेकमञ्जरीमूलगाथानामकाराद्यनुक्रमः ॥ ६५०/६५२ [३] परिशिष्टम्-विवेकमञ्जरीवृत्तिगतप्राकृतउद्धरणानामकाराद्यनुक्रमः ॥ ६५३/६५४ [४] परिशिष्टम्-विवेकमञ्जरीवृत्तिगतसंस्कृतउद्धरणानामकाराद्यनुक्रमः ॥ ६५५/६५८ [५] परिशिष्टम्-विवेकमञ्जरीकथागतसुक्तीनामकाराद्यनुक्रमः ॥ ६५९/६६४ [६] परिशिष्टम्-विवेकमञ्जरीकथागततात्त्विकपद्यानामकाराद्यनुक्रमः ॥ ६६५/६६६ [७] परिशिष्टम्-विवेकमञ्जरीवृत्तिगतकथानामकाराद्यनुक्रमः ॥
६६७ [८] परिशिष्टम्-विवेकमञ्जरीवृत्तिगतप्रशस्तीनामकाराद्यनुक्रमः ॥ [९] परिशिष्टम्-विवेकमञ्जरीवृत्तिगतविशेषनाम्नामकाराद्यनुक्रमः ॥ ६६९-६९१
६६८

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