Book Title: Vissthanakno Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek,
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
View full book text
________________
जादे०
॥१३२॥
धर्मसर्वस्वाधिकार, तथा कस्तूरीप्रकरण" रु. ०-८० प्रतिष्ठाकल्प ( कर्ता श्री सकलचंद्रजी ) प्रकरण रत्नकार भाग चोथो "
रु.५-८-०
लोकप्रकाश.
( कर्ता श्री विनयविजयजी उपाध्याय )
वीसस्थानकनोरास (कर्ता श्रीजिनहर्ष सूरि ) रु. २-०-० शत्रुंजयमाहात्म्यप्रथमखंड (कर्ता श्रीधनेश्वरसूरि) रु २-४-० aadi पुस्तक तेना गुजराती भाषांतर सहित पाइने तैयार थाय बे; तथा ते मुदतमां बाहार पमशे.
आ
लोकप्रकाश - (कर्ताश्रीविनयविजयजीमहाराज ) ( घणोज मोटो तथा अत्यंत उपयोगी ग्रंथ. )
ग्रंथना मुख्य चार विभागो छे. एटले “ द्रव्य लोकप्रकाश" " " क्षेत्रलोकप्रकाश” “काललोकप्रकाश" अने" भावलोक प्रकाश" एवा तेना मुख्य चार विभागो छे. ते ग्रंथमां जैन लोकोने जाणवाने अत्यंत उपयोगी एवी अनेक बाबतो छे. तेनी श्लोक संख्या आशरे अढारहजार छे अने ते ग्रंथना मूल श्लोको अने तेनुं गुजराती भाषांतर अमारा तरफथी थोडीज मुदतमां छपाइने बहार पड़वानुं छे. वली ते साधुओने सवलथी राखी
| वैराग्यकल्पलता ( कर्ता श्रीयशोविजयजीउपाध्याय ) जैन कुमारसंभवमहाकाव्य ( कर्ता श्रीजयशेखरसूरि ) भद्रबाहु संहिता (जैननो अपूर्व ज्योतिष ग्रंथ ) कर्ता श्रीभद्र - शकाय, तेथी पानाना आकारमां छपाशे, अने तेनी बाहुस्वामी )
| मेघमालाविचार, तथा त्रैलोक्यप्रकाश, अने
प्रकरण.
उपदेशतरंगिणी.
उपदेशरत्नाकर ( कर्ता श्री मुनिसुंदररिमहाराज ) शास्त्रवार्तासमुच्चय ( कर्ता श्रीहरिभद्रसूरि ) पंचसंग्रह ( कर्ता श्रीहरिभद्रसूरि ) ऋषिमंडल (अथवा प्रभाविक पुरुषोनां चरित्रो. अत्यंतरसिक कथाओवालां.)
चोपडीओ पण बांधवामां आवशे. आवा मोटा ग्रंथ हिंगुल - माटे जैनभाइओए अवश्य अगाउथी ग्राहक थह मदद आपकी जरुरनी छे. माटे तेनां अगाउथी ग्राहको थह नामो नधाववा माटे अमो अमारा जैन भाइओने विनंती करीए छीए. अने वली अगाउथी ग्राहको थनार पाथी अमो तेनी थोडी किम्मत लेइशुं. एज. श्रावक भीमसिंह माणेक.
( मुंबई ) मांडवीबंदर. शाकगली.
Jain Educnternational
For Personal and Private Use Only
खब
॥१३२॥
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 272 273 274 275 276 277 278