Book Title: Vir Vardhaman Charitam
Author(s): Sakalkirti, Hiralal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 284
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ६. पौराणिक-नाम सूची अकम्पन-एक राजा (२.६५) कूलपुर-भ. की प्रथम पारणाका नगर (१३.६) अकम्पन-अष्टम गणधर (१९.२०६) कूल राजा-भगवान् महावीरको प्रथम आहार दान अग्निभूति-अग्निसहका पिता (२.११७) दाता (१३.७) अग्निभूति-द्वितीय गणधर (१९.२०६) कोशल देश-प्रसिद्ध देश (२.५०) अग्निमित्र-महावीरका ११वा भव (२.१२२) कौशाम्बी-वत्स देशकी एक नगरी (१३.९१) अग्निसह-महावीरका नवाँ भव (२.११८) कौशिकी-गौतमकी स्त्री (२.१२१) अजितंजय-चारण धि मुनि-सिंहभवमें भगवान् महा- खदिरसार भील-श्रेणिकके पूर्व भवका नाम (१९.९८) वीरको सम्बोधित करनेवाले मुनि (४.६) गौतम-प्रथम गणधर (१५.८३) अतिमुक्तक-३मशान । रुद्र-उपसर्गका स्थान. उज्जैनका गौतम द्विज-अग्निमित्रका पिता (२.१२१) मरघट (१३.५९) गौतमी-अग्निभूतिकी स्त्री (२.११७) अमितगति-अजितंजयके साथी चारधिमुनि (४.७) चन्दना-चेटक राजाकी पुत्री (१३.८४) अयोध्या-प्रसिद्ध नगरी (४.१२१) चन्द्राम--एक विद्याधर (३.७३) अर्ककीर्ति-ज्वलनजटीका पुत्र (३.७५) छत्रपुर-जम्बूद्वीपस्थ भरत क्षेत्रका एक नगर(५.१३४) अहंदास-सुन्दर विप्रपुत्रका मिथ्यात्व छुड़ानेवाला एक जटिल-महावीरका पाँचवाँ भव (२.१०८) सेठ (१९.१७२) जयावती-प्रथम बलभद्रकी माता (३.६२) अलकापुर-विजयाकी एक नगरी (३.६८) जृम्मिका ग्राम-जहाँ पर भगनान्को केवलज्ञानको अश्वग्रीव-प्रथम नारायण,महावीरका १९वाँ भव(३.७०) प्राप्ति हुई । (१३.१००) इन्द्रभूति गौतम-भ. का प्रथम गणधर (१९.२०६) जैनी-विश्वनन्दीकी माता (३.६) उज्जयिनी-प्रसिद्ध नगरी (१३.५९) ज्वलनजटी-विद्याधर राजा (३.७२) उमा-अन्तिम रुद्रकी पत्नी (१३.८२) द्युतिलकपुर-विजयाका एक नगर (३.७३) ऋजुकूला नदी-जम्भिका ग्रामके समीप बहनेवाली धवल-दशम गणधर (१९.२०६) । ___ नदी (१३.१००) धारिणी-भरतकी रानी, मरीचिकी माता (२.६८) कच्छ-एक राजा (२.९६) नन्द राजा-भ. महावीरका ३१वां भव (५.१३६) कनकपुरख-कनकोज्ज्वलका पिता (४.७५) नन्दिवर्धन-नन्दराजाका पिता (५.१३५) कनकप्रभपुर-विजयाका एक नगर (४.७४) नमि-एक विद्याधर (२.६६) कनकमाला-कनकोज्ज्वलकी माता (४.७५) नीलाञ्जना-प्रथम प्रतिनारायणकी माता (३.६८) कनकवती-कनकोज्जवलकी स्त्री (४.८१) पाराशरी-स्थावरकी माता (३.२) कनकोजावल-भगवान्का २५वा भव (४.७६) पुण्डरीकिणी-विदेहकी एक नगरी (५.३६) कपिल-मरीचिका शिष्य (२.१०३) । पुरूरवा-महावीरका प्रथम भव (२.१९) कपिला-कपिळकी स्त्री (२.१०७) पुष्कलावती-पूर्व विदेहका एक देश (५.३५) कालशौकरिक-राजगहका एक कसाई जो कि प्रतिदिन पुष्पदन्ता-भारद्वाजकी स्त्री (२.११२) ५०० जीवोंका घात करता था। (१९.१६२) पुष्पमित्र-महावीरका सातवाँ भव (२.११३) कालिका-पुरूरवाको स्त्री (२.१९) पोदनपुर-एक प्रसिद्ध नगर (३.६१) कुणिक भूप-श्रेणिकके पिताका नाम (१९.१३५) प्रजापति राजा-विजय नामक प्रथम बलभद्रका पिता कुण्डलपुर-भ, महावीरका जन्मनगर (७.१०) For Private And Personal Use Only

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