Book Title: Vir Nirvan Samvat aur Jain Kal Ganana
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre

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Page 201
________________ १८२ वीर निर्वाण संवत् और जैन काल-गणना २०९ २०९ वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द वीर-गताब्द ७५ * आर्य प्रभव का स्वर्गवास । ९८ ★ आर्य शय्यंभव का स्वर्गवास । १४८ * आर्य यशोभद्र का स्वर्गवास । चंडराय का कलिंग में राज्याभिषेक । १४९ आठवें नंद की कलिंग देश पर चढ़ाई । १५४ * चंद्रगुप्त मगध का राजा बना । १५६ ★ आर्य संभूतिविजयजी का स्वर्गवास । १७० * आर्य भद्रबाहु स्वामी का स्वर्गवास । १८४ सम्राट चंद्रगुप्त का स्वर्गवास । १८४ बिंदुसार का राज्याधिकार । बिंदुसार का स्वर्गगमन ।। अशोक का राज्यारंभ । २२७ क्षेमराज का कलिंग में राज्यारोहण । २३९ अशोक राजा की कलिंग पर चढ़ाई । २४४ अशोक का परलोकवास । संप्रति का पाटलिपुत्र में राज्याधिकार । संप्रति का उज्जयिनी को जाना । पाटलिपुत्र में पुण्यरथ का राज्याधिकार । २७५ वुड्डराज का कलिंग में राज्यारोहण । पुण्यरथ का मरण । २८० वृद्धरथ का पाटलिपुत्र में राज्याभिषेक । २९३ * संप्रति का स्वर्गवास । २९३ . उज्जयिनी में एक वर्ष तक अराजकता । बलमित्र-भानुमित्र का उज्जयिनी में राज्यारोहण । ३०० भिक्खुराय (खारवेल) का राज्याभिषेक । ३०४ वृद्धरथ की हत्या । २४४ २४६ २४६ २८० २९४ वीर-गताब्द वीर-गताब्द Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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