Book Title: Vedang Prakash
Author(s): Dayanand Sarasvati Swami
Publisher: Dayanand Sarasvati Swami

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Page 75
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ओ३म् ॥ सस्ता ! सस्ता !! बहुत ही सस्ता !!! ऋग्वेदभाष्य और यजुर्वेद्भाष्य ( ऋग्वेदभाष्य सम्पूर्ण ) महर्षि श्री १०८ श्री स्वामी दयानन्द सरस्वतीजी कृत ऋग्वेदभाष्य जो प्रारम्भ में ९०11)॥ में और ता० २४ अप्रेल ०७ तक ३६) में बेचा जाता था उसी भाष्य के सर्व साधारण में वेदों का प्रचार बढ़ाने के लिये श्रीमती परोपकारिणी सभा ने ता० २५ अप्रेल ०७ से केवल २०) मात्र कर दिये तिस पर भी २०) सैकड़ा कमीशन काट कर केवल १६) में बिक रहा है। ____ नोट-ऋग्वेद का भाष्य सात मण्डल के पांचवें अष्टक के पांचवें अध्याय से तसिरे वर्ग के दूसरे मंत्र तक महर्षि श्री १०८ श्रीस्वामी दयानन्द सरस्वतीजी महाराज ने किया था इसलिये यहांतक तो भाष्यसहित छपा है इस के आगे का भाग २९० पृष्ठों में पूल मन्त्र छाप के पुस्तक पूर्ण की गई है सो आगे का मूलमन्त्र भाग केवल १) में मिलेगा अंत के मूल मन्त्र भागमहित ऋग्वेदभाष्य की सम्पूर्ण पुस्तक के ८८४६ पृष्ठ हैं जिन के २१) मात्र हैं जो कमीशन काट कर १६॥ ) में बिक रहा है। (यजुर्वेद भाष्य सम्पूर्ण ) महर्षि श्री १०८ श्रीस्वामी दयानन्द सरस्वतीजी कृत यजुर्वेदभाष्य सम्पूर्ण जो प्रारम्भ में ३१) में और ता० २४ अप्रैल ०७ तक १६) में बेचा जाता था उसी भाष्य के सर्व साधारण के लाभार्थ श्रीगती परोपकारिणीसभा ने ता० २५ अप्रैल ०७ से केवल १०) कर दिये जो कगीशन काटकर केवल ८) में बिक रहा है । निम्नलिखित पते से बाहर मँगानेवाले ग्राहकों को डाकमहसूलादि का खर्चा उपरोक्त दोनों भाष्यों के मूल्य से पृथक् देना पड़ेगा। उपरोक्त भाष्यों के मंगानेवाले ग्राहकों को आर्डर भेजने के साथ ही निकट के रेलवे स्टेशन का नाम भी लिखदेना चाहिये कि जिससे भेजने में विलम्ब न हो अब बहुत ही थोड़ी प्रतियें शेष रही हैं इसलिये आर्डर भेजने में विलम्ब न करना चाहिये ।। मैनेजर वैदिक पुस्तकालय अजमेर. For Private and Personal Use Only

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