Book Title: Varni Abhinandan Granth
Author(s): Khushalchandra Gorawala
Publisher: Varni Hirak Jayanti Mahotsav Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 690
________________ महाभारत काल में बुन्देलखण्ड सम्बन्धी यादवोंमें बहुत प्रचलित था उस धर्मका प्रभाव उनपर भी पड़ा होगा। दशार्ण देशके वृष्णि यादव तो कृष्ण के बहुत निकट थे। रामायण कालमें इस प्रदेशमें अत्रि, सुतीक्षण, आदि ऋषियोंके आश्रम थे परन्तु इस युग में आर्य लोग यहां पर पूरी तरह छा चुके थे और चेदि देश से झर झर कर विन्ध्यके उस पार बस्तियां बसाते जाते थे । इस काल तक ऋषियोंका युग भी समाप्त हो चुका था। और व्यास जी वेदोंके संकलन वर्गों - करण और सम्पादन में लगे हुए थे । स्वयं व्यासजीके विषय में सुना जाता है कि वे इसी प्रदेश में रहते थे । परन्तु यह ठीक नहीं है। वे तो बदरिकाश्रम में रहते थे। यह भी आता है कि व्यास माता सत्यवती जो शान्तनुपत्नी हुई चेदि नरेश बसु चैद्योपरिचर की कन्या थी परन्तु श्री जयचन्द्र विद्यालंकारने प्राचीन युगकी वंश तालिकाएं तैयार की हैं उनके अनुसार यह असम्भव जान पड़ता है क्योंकि सत्यवती उन्नासीवीं पीढ़ीमें तथा शान्तनु नब्बेवीं पीढ़ी में आते हैं ३ ६ । वैसे तो वे तालिकाएं भी अन्तिम नहीं है परन्तु इतना सत्य है कि अभी अधिक अनुसन्धानकी आवश्यकता है । इस काल में श्रार्यलोग कृषिको अपना चुके थे । इन्द्रने इस देशके रहने वालोंकी जो प्रशंसा की 1 थी इसमें एक वाक्य यह था " कमजोर बैलको इलमें नहीं जोतने वाले हैं ७ ।" इसके अतिरिक्त वे सुन्दर नगरोंका निर्माण भी करने लगे थे वेदि देशकी राजधानी शुक्तिमती एक प्ररूपात नगरी यी आश्वमेधिक पर्व में उसे रमणीय नगरी कहा इस प्रकार और भी अनुमान लगाये जा सकते हैं और अनुमान प्रमाख के अभाव में इतिहास नहीं नन सकते । आज भी महाभारत कालीन भारत एक रहस्य बना हुआ है यद्यपि श्रावरण हटता जा रहा है तो भी अध्ययन र अनुसन्धानकी आज जितनी आवश्यकता है, उतनी सम्भवतः कभी नहीं थी । इस नवभारत में ही भारतका अतीत रहस्य मुक्त न हो सका तो कब होगा ? (३६) भारतीय इतिहासकी रूपरेखा ०२६५ (३७) देखो (१०) ६०३

Loading...

Page Navigation
1 ... 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716