Book Title: Vanaspatiyo ke Swalekh
Author(s): Jagdishchandra Vasu, Ramdev Mishr
Publisher: Hindi Samiti

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Page 13
________________ ( 11 .) अध्याय 17 रस का उत्कर्ष शारीरिक सिद्धान्त--अन्त्य अंगों द्वारा खोंचना और धक्का देना-- जीवनीय क्रिया द्वारा रस का प्रणोदन (Propulsion)-रसआरोह पर विष का प्रभाव--प्राणी में रक्त-प्रणोदन--रस-प्रवाह का निर्देशक पर्ण-वैद्युत वनस्पतिआरेख(Electric Phytograph)रस-उत्कर्ष पर बारी-बारी से रासायनिक अवसादकों और उद्दीपकों के प्रयोग का प्रभाव--ऊष्मता और शीतलता के क्रमिक प्रयोग का प्रभाव। 123-132 अध्याय 18 प्रणोदक ऊतक वनस्पति के 'हृदय' की खोज--विद्युत्शलाका द्वारा स्पन्दित-स्तर का स्थान-निर्धारण-हृदय की क्रिया की परीक्षा--स्पन्दन पर प्रावसादित और वधित आन्तरिक दाब का प्रभाव--अधिबल्य दशा का प्रभाव--निश्चेतकों का प्रभाव--स्वाभाविक और विपरीत क्रमाकुंचक तरंग-काष्ठ का कार्य / ... 133-141 अध्याय 16 आम्र वक्ष का रुदन सावधिक 'रुदन'--रस-दाब की घण्टेवार भिन्नता--पर्णरहित वृक्षों में दाब-भिन्नता--पर्णयुक्त वृक्षों में दाब की भिन्नता--आम्र वृक्ष से स्राव-'रुदन' के कारण की खोज / ... 142-147 अध्याय 20 ताड़ वृक्ष का दोहन स्राव के माप के लिए स्वचालित अभिलेख-रस-उत्पाद में प्रति घंटे की भिन्नता--रात्रि में अधिक स्राव होने का स्पष्टीकरण-- रस-स्राव के लिए बारंबार व्रण करने की आवश्यकता--खजूर - (Palmyra Palm) के दोहन की विधि। ... 148-152 .

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