Book Title: Vanaspatiyo ke Swalekh
Author(s): Jagdishchandra Vasu, Ramdev Mishr
Publisher: Hindi Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ ( 10 ) अध्याय 12 चुम्बकीय वृद्धिलेखी संतुलित वृद्धिलेखी-तात्कालिक प्रकाश-स्फुरण के प्रभाव का अभिलेख-बेतार तरंगें और वृद्धि--वृद्धि का चुम्बकीय प्रवर्धनगतियाँ-कायाकल्प--जीवन अनिश्चय की दशा में। .." 88-95 अध्याय 13. आहत वनस्पति वृद्धि पर. आघात का प्रभाव-सुई की चुभन और छुरी का . आघात--पिछड़ी हुई वृद्धि पर पिटाई का प्रभाव-स्पंदनशील पत्तियों पर व्रण का प्रभाव--गहरे व्रणों द्वारा उत्पन्न प्रेरक . पक्षाघात। 66-100 अध्याय 14 . वनस्पति में दिशा-बोध यांत्रिक और भास-जनित उद्दीपना--भू-अभिवर्त (Geotropic) क्षोभ--भू-अभिवर्ती प्रतिक्रिया पर तापमान का प्रभाव--ईथर का प्रभाव--साम्याश्म (Statolith) सिद्धान्त--विद्युत्शलाका द्वारा भूम्याप्रतिबोधी स्तर का स्थान-निर्धारण--क्रमिक झुकाव पर माँड़-कणों की फिसलन। ... 101-106 अध्याय 15 प्रकृति में वनस्पति की गति उष्णदेशीय गतियां--तन्तुओं ( Tendrils) की मरोड़--सकारात्मक वक्रता--परोक्ष उद्दीपना का प्रभाव--उद्दीपना से विमुख झुकाव / 107-114 अध्याय 16 कमुदिनी का रात्रि-जागरण कुमुदिनी की निद्रा और जागरण--समस्या की जटिलता--निरसन की प्रक्रिया-कुमुदिनी का दैनिक अभिलेख--प्रकाश की भिन्नता में कासमर्द (Cassia) की गति / ... 115-122

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 236