Book Title: Vakpatiraj ki Lokanubhuti
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
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५००
जणम्मि
ढिएहिं
22
64
शुद्धि-पत्र गाथा पंक्ति
प्रमुख 8 23 । जण्णम्मि 14 351
ठ्ठिएहिं 1644 1 विहवारूडारण 18 ____48 2
घालंति
प्रणज्जेस 65 1
परिहोडजलामो 30 82
गुणभावा 84
. त उग्गमो 84
भगम्मि
गरूपारण 40
ज) 6/1
(ज) 4/1 41
9 .2 (न) 6/1
24
विहवारूढाण
घोलंति
प्रणज्जेसु परिहोउज्जलामो
गुणभावो तेउग्गमो . मंगम्मि
गरुपारण (ज) 6/2 (ज) 4/2 (त) 6/2
34
41
48
33
33
3
37
वास्तव ये
(लासस) (णिहान) 4/2
= ती (उण्णा ) 1/2 (दलिद्द)
घाव . पहति
वास्तव में
(लालस) (णिहाम) 4/1
= तो (उण्णम) 1/2 (दालिद्द)
धाव पपट्टति
54 50 .4 5862 - 1 68 92 . 4
लोकानुभूति ..
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