Book Title: Vakpatiraj ki Lokanubhuti
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur

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Page 95
________________ 13. प्राकृत काव्य मजरी ले० डा० प्रेम सुमन जैन 14. महावीर का जीवन प्राचार्य काका कालेलकर सन्देश : युग के सन्दर्भ में ... 15. जैन पोलिटिकल थोट डॉ० जी० सी० पाडे 16. स्टडीज् माफ जैनिज्म डॉ० टी०जी० कलघटगी 17. जैन, बौड और गीता . डॉ० सागरमल जैन का साधना मार्ग 18. जैन, बौद्ध और गीता डॉ. सागरमल जैन का समाजदर्शन 19. जैन, बौद्ध और गीता डॉ. सागरमल जेन का कर्म सिद्धान्त 20-21. जैन, बौद्ध और गीता • डॉ० सागरमल जैन के प्राचार दर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन भाग 1-2 . 22. हेम प्राकृत व्याकरण में उदयचन्द्र जैन शिक्षक 23. प्राचारांग चयनिका डॉ० के० सी० सोगाणी 1. एक हजार रुपये से अधिक प्रकाशन खरीदने पर 40% कमीशन संस्थान के प्रकाशनों का पूरा सेट खरीदने पर 30% कमीशन जाता है। 2. डाक-व्यय एवं पैकिंग व्यय पृथक् से होगा। प्राप्ति स्थान : राजस्थान प्राकृत भारती संस्थान 3826 यति श्यामलालनी का उपासरा, मोतीसिंह भोमियों का रास्ता, जयपुर-3 पिन कोड नम्बर-302 003 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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