Book Title: Vajsaney Samhita Uttar Vinshati
Author(s):
Publisher:
View full book text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Krishsagarsuri Gyanmandie संहि. 21 // CARRIGAKKARRAOKARN सन्न। नग्नहुम्पति सुरैयाभेषजम्मेषश्सरखतीभिषग्ग्रथोनचन्द्रय / वैश्विनौxपा ऽइन्द्रस्यवीर्युम्बदरैरुपवाकाभिर्भेषजन्तोक्मभिल्प / यस्सोम परिस्राघृतम्मधुच्यन्त्वाज्यस्युहोतयंज // 31 // हो / / तायक्षदुिडेडितः॥होतायक्षदुिडेडितऽआजुह्वानुत्सरखतीमिन्द्र / म्बलैनवर्द्धय॑न्नृषभेणगवैन्द्रियमुश्चिनेन्द्रायभेषजंय्यवैल्कुर्कन्धु | भिर्मधुलाजैनमासरम्पयत्सोमः परिस्रुताघृतम्मधुध्यन्त्वाज्य / / स्यहोतुर्यज ॥३२॥होतायक्षहर्हिरूणम्म्रदा॥ होतोयक्षद्व For Private And Personal

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 ... 605