Book Title: Vajsaney Samhita Uttar Vinshati
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhane Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir KARONICAGRICROGRECRUICROM दधुः॥ 28 // [6] होतायक्षत्॥ होतोयक्षत्समिधाग्निमिडस्प्प 3 देश्चिनेन्द्रुङ्सरखतीमुजोधूम्म्रोनगोधूमैल्कुलै पुजम्मधुश / प्पैनतेजऽइन्द्रियम्पयत्सोम परिस्रुताघुतम्मधुध्यन्त्वाज्यस्य / होतयंज // 29 // होतायक्षत्तनूनपात्सरखतीम् // होतायक्षत्त / / नूनपात्सरखतीमविर्मेपोनभैषजम्पथामधुमताभरनश्चिनेन्द्रा यवीर्य्यम्बदरैरुपुवाकाभिर्भेषजन्तोक्मभित्पयत्सोम परिस्र / / तांघृतम्मधुध्यन्त्वाज्यस्य॒होतर्यज॥३० // होतायक्षनराशा For Private And Personal

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