Book Title: Vadnagar no Nagar Jain Sangh
Author(s): Amrutlal M Bhojak
Publisher: Z_Mahavir_Jain_Vidyalay_Suvarna_Mahotsav_Granth_Part_1_012002.pdf and Mahavir_Jain_Vidyalay_Suvarna_

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Page 14
________________ ૯૦ : શ્રી મહાવીર જૈન વિદ્યાલય સુવર્ણમહોત્સવ ગ્રન્થ ४० श्राश्रीश्रीश्रीश्रीश्रीश्री बाजिखप्रभु भरसपरीवारो कभ वननगरद फारी थर एत्रो वकत्राज्ञाकारी पाए जरिए सभीनसेबन देवा रबजारम ४५ दर एहि स्वासमर भी जा यक्ष माङ शीरी को न जहर दहन" वारजा बोजेनंदोबस्त अस राजसा रजा नजोगा घसरतम गाभाव जादी सोती हাराजू ग दोघासारक्रमदानावार जोधও९ मा रतनत्रा माझ्या देवाना श्रावार मजाहिषी माहा १०) मदन जन्मियो छब जा मांडा माझी फागले थर्माना हरीद्वारा गाऊँग ५३खलाजा ब कली एक बसायल गार बल बडूलन सौमनोहर धाराहरी दायभा सामुर्महातपा 13 देवी नावानी म ६० मि पर यह नीरसुख रो गादीनि प्रमुल तथा मेधसमस्त के नत्रजजन आज जमीन भरतेत्याह जाना ६रम धाननाल ६५ धसमाना राया परगना का गुलसमाचा ला परन नारबधन पातळ नाबार्जु Jain Education International 90 ક્ ८० मुषदमकरणावप्रेचेयेष्ठित जजी नामानी एवं नान्त्री प्रात जे एম७ बेटे राजेश्रमदान व नेषिया हिन्दी कुठराई एसए मोव आज जाना शेष છે जेबाज ने साहू से लगा पूजन वीजता अपद्वार जी) श्रावना शुम देवानामला गया आयोभने अर जीजा सबानाराज जाओ संघ मन भरा तो पूरवेत्रवनो घनघ ८५ तर रब्जनानी नतारन छिनअधिप्रमाद कर मु धनुमनाएं वह अनुभवावाजे देव सुरपए नागरवी आजी लाने व नता अवधारता अने श्री पूज जाए पर एम जवीन पारी का नंगर नी देवनानी परे परत १०० श्रानजिगाचा वडनगरना से छवि पर की पर डाव से अपहार जो कुराछा श्रीध बजिहीहि समा बजेता श्री वीर बाजे गए पंडीतज तबजेगा पडती ए बीजेपी प्रमुख जनार बारन वानरात्रीत बाजे गए म વિક્રમના ૧૮માં શતકના પૂર્વાર્ધમાં વડનગરના જૈન નાગર શ્રીસંઘે તપાગચ્છીય આચાર્ય શ્રીવિજયપ્રભસૂરિજી ઉપર લખેલ વિજ્ઞપ્તિપત્રના લેખ વિભાગની ૪૦ થી ૯૭ સુધીની પંક્તિઓ. ૮૬-૧૦ સુધીની પંક્તિઓમાં નાગરવાણિયા અને બડનગરનો નિર્દેશ એઈ શકાય છે. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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