Book Title: Uttaradhyayan Sutra
Author(s): Subhadramuni
Publisher: University Publication

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Page 5
________________ पा परम श्रद्धेय, प्रात: स्मरणीय, पतित पावन, कृपा-पुरुष, श्रमण-धर्म के मुकुट, गुरुदेव योगिराज श्री रामजीलाल जी महाराज की अहेतुक कृपा ने मुझ लघु को 'उत्तराध्ययन सूत्र' की स्वाध्याय करवा कर अनुवाद-प्रस्तुति कर पाने योग्य बनाया उन विश्व-वत्सल मंगल-मूर्ति गुरुवर्य के एवम् परम पूजनीय, संघ-शास्ता, जैन शासन-सूर्य, आचार्य कल्प गुरुदेव मुनि श्री रामकृष्ण जी महाराज की अपार कृपा, मार्ग-निर्देश एवम् अनन्त स्नेह ने अपनी छत्र-छाया में 'उत्तराध्ययन सूत्र' का अनुवाद-कार्य सम्पन्न करने का दुर्लभ अवसर मुझे प्रदान किया उन प्रज्ञा पुरुषोत्तम दीनदयाल गुरुदेव के पावन वरद् कर-कमलों में उनके आशीर्वाद का फल 'उत्तराध्ययन सूत्र' का प्रस्तुत संस्करण सादर सभक्ति मश्रद्धा समर्पित है। -सुभद्र मुनि

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