Book Title: Upmitibhava Prapancha Katha Uttararddha
Author(s): Siddharshi Gani, 
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 11
________________ उपमितौ पृष्ठानि. अनुक्रमणिका. १५८ ६ विषयाः ९ बोधादेशात्प्रभावस्य चरता | १० स्पर्शनचरितप्रकाशः राजसचित्ते रागके सरी राजा विषयाभिलाषो मश्री ११ महामोहमहिमा १२ महामोहासनं १३ महामोहप्रस्थानम् १४ स्पर्शने मनीषिविचारः १५ बालस्य स्पर्शनाधीनता १६ स्पर्शनयोगशक्तिः १७ मनीषिणः सावधानता १८ हर्षोऽकुशलमालायाः १९ शुभसुन्दरीविचारः २० स्पर्शनप्रभावः पृष्ठानि. विषयाः | २१ मध्यमबुद्धिवृत्तं २२ कालविलम्बे मिथुनद्वयकथा १५८ २३ भोगतृष्णा स्वरूपम् १६० २४ अज्ञानजदोषस्वरूपम् १६२ २५ अनङ्गत्रयोदशीक्षणः १६२ २६ कामशय्याऽऽरोहः १६४ २७ राज्ञीवाञ्छा २८ व्यन्तरकृता पीडा २९ मदनकदल्यै निर्गतः ३० होमायोत्पादितो बालः ३१ बालमुक्तिः ३२ बालवृत्तान्तः १६८ । ३३ मध्यमबुद्धेधुणोत्पादः ५. 3rrrurururururur 'ur 199 V०30urrrrr७२ १६६ ॥ ७॥ Jain Education For Private Personel Use Only ainelibrary.org

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