Book Title: Unadigana Sutra
Author(s): Hemchandracharya, 
Publisher: Education Society Press

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Page 257
________________ 620. पादाचा -T ! चात्यजिभ्यां om. T पद :- =S. III, 2. P. VI, 3, 52. । द्वावपि पयर्थी V । for वाय-त्रम् B | वर्द्धिश्च V | 621. -कुलगर B | शरीरांशः ||V I 622. - स्मादिः प्र-B | र B संघः ऋ. क्षपाद - VI 623. इवांता-B | वा om. 'T' | जभ for विद्वांश्व V | स्वरक्षेप: for स्वरदोष: BI 626. लोमशिका V | 627. मयूषश्च B. V has भाव instead | अवधि BV | वे शेष: B | 628. वेगोर्डित CV वैगो B 630. - शटिभ्या-B | निस्वः T | 632. भवति अस्योकारस्यात् [ ? ] T | 633. मुखे-T मुषैरुचांतः V | विधानबलात् T विधानात् । 634. कावाक्रीचि - B कावाकीक्री-V 1 -क्षुरितूरि-C | - ज्वरित्वरितूरि-B | - त्रिपू - VI; वेलक्षा-B | कबरी B V । वल-T | गुणावे - V निः पूर्वः निःश्रेणिः V। पृथ्वी 1. V has भूः instead | सूर्यः for आदित्यः V | देह: for शरीर VI मनः om. B 175 635. ऋघृतृ- C ऋ - T. Vom this Sūtra | सूर्य: for आदित्यः V | वायुः for अनिल: V | Perhaps बस्त - instead of वस्न to be read, though न is very distinct in V. I 636. श्चाद्भावः पृष्टदेशश्च V 1 637 धूणहूणघू_C | हंग् निपात्यते om. T | उच्च रचांतो for उत्वं त्यते V | से नं for चेतनं VI 638. आदित्यं | भूः for क्षितिः V for नक्षत्रम् V | सूर्यः for आदित्यः V | त्थापनथियष्टि: V | दुःखार्थः । खार्थः । वितीर्यत VI 639. किंके - B 1 640. This Sūtra with the commentary is missing in B। कके VI 641. चादिः VI 642. शस्त्रं for आयुधं V । बडिश -T व डिश VI 643. आपूत B - णिः स्यात् B | आशुक्षाण: B आशशुषणि: V 1 646. इक्ष्वाकु - TV. Thus also Hem. Anek. II, 167। स्नेहोपक - V 1 647 द्योतते B वृक्षं = P. I, 4, 90. 1 प्रथमं भा-T प्रथमं नं भा-V | 648. This Sūtra with the commentary is missing in T | पक्षवि VI 650 भित् BCT p.m | श्वितिः - BTp.m | श्वित्वात् BT pm. See S. Iv, 4; P. II, 4, 52; III, 4, 113; 117. I 651. -शोपुच्यमि-C | -येण्- V 1 प्रभृतिभ्यः B V | छागः शिवादिः त्वग्मयो जलधारः V | अंगुली - VI दुर्गतत्वविश- B दुर्गतः दुष्टः B प्रपूर्वात् B | 652. देश: for जनपद: V । 653. - वहियस्य- B अमात्यः om. BI कुटंब Tp.m V | शरणं B वर्त्म T | 654 वश्वास्य B 1 656. कच् वा B भवति वा T | 657. वातिः वातः B | 660. - क्षिपेरेस्तिक् B -क्षेपेर-V | दुजातिच V | च om. B | 661. - B| गभ् चास्या - BI 662. देश: for जनपद: V- | रिपु: for शत्रुः T | 664. यजेये च B 665. वदति V । दिशः for जनपद: V 1 युजादिर्विकल्पितणिदंत- T. See S. III, 4. Westergaard, Rad. p. 376, §34. । छंदंति V | गृहछा - T | काकस्थि - B | 666. - रुकिः । शकुनिः । 667. नडो दा - C | अदिति दाता देवमाताश्च T | 668. पालने । एतस्मादितिः B | 669 p.m. V. 671. 672. वीसंघ - T | अरु V 1 अस्थिः T घित्वं ग- VI उदारथिश्व VI 678. पात्रः तमो V | 674 तडेनेडित V 676. - स्नादधिः कित् B | व्याधिः V | 677. वेसनं for सवनम् B | अभिः for पावकः । वलीव - V | वन्हिः for पावक: VI 678. शौरिः T | 679. - प्रच्छिभ्यः B | अल्पतंतुः B | 680. -धम्यशादि - T | धर्मानि V | शिरा T | अशनिः वजं इंद्रासयुधं । अटाने: पापंचाग । 683. भूः for मेदिनी । 684. After this Sūtra Crepeats Sūtras 667-684, a mistake, due to the resemblance of Sūtras 666 and 684. 687. बलि- T। नेमि V । साभिः B. 1 पक्षी for बाकुने: V | शंक: Bशंक: Tp.m. 1 सामुद्रविषं च T | Aho! Shrutagyanam

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