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आध्यात्मिक परम्परा की प्रतिमूर्ति हैं और भारतीय संस्कृति की विरासत की उन पर गहरी छाप है। इस लक्ष्य से इन्कार नहीं किया जा सकता कि दोनों ही अत्यधिक उच्च व्यक्तित्व और महान् प्रतिभा से युक्त महापुरुष को लाखों करोड़ों शोषित जनता के लिए वे आशा के संदेशवाहक थे। गाँधी के स्फूर्तिदायक नेतृत्व में भारत को स्वतन्त्रता मिली, जो अपने देशवासियों द्वारा राष्ट्रपिता के प्रिय विशेषण से विभूषित हुए। मार्क्सवाद भी विश्व भर में करोड़ों व्यक्तियों के लिए जीवन्त आस्था के केन्द्र थे।
___ आज की परिस्थितियों में यद्यपि महात्मा गाँधी व मार्क्स के विचार विभिन्न विद्वानों के द्वारा चर्चित होते रहते है और उनकी उपादेयता की भी चर्चा होती रहती है। किन्तु यदि हम निष्पक्ष दृष्टिकोण से देखें तो गाँधी व मार्क्स के बहुत से विचार संशोधन चाहते हैं। महावीर बुद्ध के विचार जो कल तक अनुकरणीय माने जाते थे आज वे भी समय की मांग के अनुसार परिवर्तित हो गये हैं। ठीक उसी प्रकार से गाँधी व मार्क्स के विचारों की पूर्णता तभी सिद्ध हो सकती है जब आज के परिवेश के अनुसार स्वतंत्रता प्रदान की जाए। आज के आधुनिक युग में सिर्फ हिंसा या अहिंसा का सहारा लेकर हम विश्व में शान्ति व्यवस्था स्थापित नहीं कर सकते हैं। उदाहरण के लिए भारत में पंजाब तथा आसाम की समस्याओं का समाधान भी अहिंसा व हिंसा के उचित समन्वय से ही सम्भव हो पाया है।
सन्दर्भ ग्रन्थ : 1. कार्ल मार्क्स, समाजशास्त्री अध्ययन, पृष्ठ संख्या 7 2. गाँधी एवं मार्क्स पृष्ठ संख्या 225 3. महात्मा गांधी (वे व्यक्ति जिन्होंने दुनियाँ ही बदल दी)-3 4. भारतीय राजनैतिक चिन्तक 225 5. महात्मा गाँधी का समाज दर्शन, 23 6. वही, 53 7. वही, 153 8. गांधी एवं मार्क्स 277 9. वही, 225 10. वही, 226 11. भारतीय समाज में वर्ग-संघर्ष 5 12. वही, 46
तुलसी प्रज्ञा अप्रेल- जून, 2006 -
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