Book Title: Tulsi Prajna 1992 07 Author(s): Parmeshwar Solanki Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 2
________________ तुलसीप्रज्ञा - त्रैमासिक अनुसंधानपत्रिका शुल्क प्रति अंक २० ) खण्ड - १८] वार्षिक आजीवन ४५) ५०० ) पांच वर्षों के लिए - २०० ) और दस वर्षों के लिए - ४००) रुपये शोधकर्त्ता विद्वान् और छात्रों के लिए वार्षिक २५) रुपये में देय ० 'तुलसी प्रज्ञा' प्रतिवर्ष - मार्च, जून, सितम्बर और दिसम्बर माह के तीसरे सप्ताह में प्रकाशित होती है । • प्रकाशनार्थ लेख इत्यादि कागज के एक ओर टंकण कराके भेजें । साधारणतया दस पृष्ठों से बड़ा लेख न हो । जरूरी हो तो विवेच्य विषय दो भागों में विभाजित किया जा सकता है। [ सन् १६६२-६३ • लेख मौलिक और अप्रकाशित होना जरूरी है। कृपया ऐसा कोई आलेख भी न भेजें जो प्रकाशनार्थ अन्यत्र भेजा गया हो अथवा भेजा जाना हो । o ० 'सम्पादक- मण्डल' द्वारा लेखादि में काट-छांट सम्भव है किन्तु भाव और मंशा को सुरक्षित रखा जावेगा । दुर्लभ फोटो और रेखाचित्र मुद्रित हो सकते हैं। प्रकाशन स्वीकृति दो माह के भीतर भेज दी जाती है । अस्वीकृत लेख लौटाने संभव नहीं होंगे । अतः प्रतिलिपि सुरक्षित रख लें । • लेखादि हिन्दी अथवा अंग्रेजी भाषा में निबद्ध हो सकते हैं; किन्तु आगम और प्राकृत, संस्कृत आदि ग्रन्थों से उद्धरण देवनागरी लिपि में लिखें और उद्धृत ग्रंथों के संस्करण और प्रकाशन -स्थान भी सूचित करें । • समीक्षा और समालोचना के लिए प्रत्येक ग्रंथ की दो-दो प्रतियां भेजें | • सभी प्रकार के पत्र - व्यवहार के लिए - 'सम्पादक, "तुलसी प्रज्ञा" जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनू - ३४१३०६' को संबोधित करना चाहिए । Jain Education International संपादक डॉ० परमेश्वर सोलङ्गी For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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