Book Title: Tulsi Prajna 1990 12
Author(s): Mangal Prakash Mehta
Publisher: Jain Vishva Bharati
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________________ : Postal Department : NUR--08 Registration Nos. Registrar of Newspapers for India : 28340/75 Vol. XVI, No. 3 TULASI-PRAJNA December, 1990 जैन विश्व भारती, लाडनूं महत्त्वपूर्ण प्रकाशन वाचना प्रमुख : प्राचार्यश्री तुलसी, विवेचक तथा सम्पादक : युवाचार्यश्री महाप्रज्ञ प्रागम ग्रंथ: 1. अंगसुत्ताणि 1 (आयारो, सूयगडो, ठाणं, समवायो) 85.00 2. अंगसुत्ताणि 2 (भगवई : विवाहपण्णत्ती) 60.00 3. अंगसुत्ताणि 3 (णायाधम्मकहानो, उवासगदसामो, अंतगडदसायो, अणुत्तरोववाइयदसाओ, पण्हावागरणाइ, विवागसूयं) 80.00 4. नवसुत्ताणि (आवस्सयं, दसवेआलियं, उत्तरज्झयणाणि, नंदी, अणुओगदाराई, दसाओ, कप्पो, ववहारो, निसीहज्झयणं) पृ० 1300 250.00 5. उवंगसुत्ताणि, खण्ड 1 (ओवाइयं, रायपसेणियं, जीवाजीवाभिगमे) 200.00 6. उवंगसुत्ताणि, खण्ड 2 250.00 7. भगवती-जोड़, भाग-१ 130.00 8. भगवती-जोड़, भाग-२ 170.00 6. दसवेआलियं (द्वितीय संस्करण) पृष्ठ 612 साइज डिमाई 1/4 125.00 10. ठाणं पृष्ठ 1200, 170.00 11. पायारो-मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद तथा टिप्पण 50.00 12. समवाओ (द्वादशांगी का चतुर्थ अंग) पृष्ठ 468 साइज डिमाई 1/4 150.00 13. सूयगडो-१ (द्वादशांगी का द्वितीय अंग) पृष्ठ 700, साइज डिमाई 1/4 200.00 14. सूयगडो-२ 150.00 15. आगम शब्दकोश (अंगसुत्ताणि शब्दसूची) खण्ड 1, भाग 1 (नेट) 20.00 16. देशी शब्दकोश, (लगभग 14000 देशी शब्द सहित), पृ० 638 100-00 17. निरुक्त कोश, सम्पादक : साध्वी सिद्धप्रज्ञा एवं साध्वी निर्वाणश्री 60-00 18. एकार्थक कोश, सम्पादक : समणी कुसुमप्रज्ञा 70-00 आगमेतर ग्रंथ 8. Illuminator of Jaina Tenets -- Acharya Tulsi 150.00 __Eng. Trans.-Dr. N.M. Tatia and Muni Mahendra Kumar 2. भगवान् महावीर—प्राचार्य तुलसी 3. श्रमण महावीर-युवाचार्य महाप्रज्ञ 30.00 4. 50 Years of Selfless Dedication 15.00 5. जैन धर्म के प्रभावक आचार्य-साध्वी संघमित्रा 6. पाइअ संगहो, संकलनकर्ता : मुनि विमलकुमार 20-00 7. तुलसी मञ्जरी (प्राकृत व्याकरण), : युवाचार्य महाप्रज्ञ, 50-00 -: प्राप्ति-स्थान :Jain Vishva Bharati, Ladnun (Raj.) 341306 प्रकाशक-मुद्रक : रामस्वरूप गर्ग, संयोजक, प्रेस-पत्र-प्रचार-प्रकाशन, जैन विश्व भारती, लाडनूं, द्वारा जैन विश्व भारती प्रेस, लाडनूं में मुद्रित / 0 0 0 00000 0 0 0 0.99 0 0 5.00 50.00 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org,

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