Book Title: Trishashti Shalaka Purush Charitra Parv 1 2
Author(s): Krushnalal Varma
Publisher: Godiji Jain Temple Mumbai

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Page 13
________________ [ १३ ] सहायक होंगे और हमें पूरा ग्रंथ प्रकाशित करानेका अवसर देंगे। स्वर्गवासी, पंजावकेसरी आचार्यदेव श्री विजयवल्लभ सूरीश्वरजीकी, साहित्यका प्रचार करनेकी, प्रबल भावना थी। उस भावनाको सफल बनाने में, यह संस्था जो कुछ कर सकी है उसके लिए वह अपनेको भाग्यवान मानती है। . निवेदक :१. पानाचन्द रूपचन्द झवेरी २. केशवलाल वुलाखीदास ३. लक्ष्मीचन्द रायचन्द सरवैया ४. रतनचन्द चुन्नीलाल दालिया ५. नरोत्तम भगवानदास .६.. फतहचन्द झवेरभाई ७. मोहनलाल दीपचन्द चौकसी ८.. छोटालाल गिरधरभाई. ":: : मंगलदास लल्लुभाई घड़ियाली ( मानद मन्त्री)

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