Book Title: Tirthankar Mahavira Part 2
Author(s): Vijayendrasuri
Publisher: Kashinath Sarak Mumbai

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Page 780
________________ दैनिक 'हिन्दुस्तान' ( नयी दिल्ली) "परन्तु ऐतिहासिक दृष्टिकोण से इन मान्यताओं को कसौटी पर कसने और उनका विवेचन करने का साहस किसी भी लेखक ने नहीं किया । भगवान महावीर स्वामी के जीवन को ऐतिहासिक कसौटी पर कसकर प्रस्तुत करने का प्रथम प्रयास इस पुस्तक में किया गया है और हमें विश्वास है कि इतिहास की इस परम्परा को अन्य लेखक भी अपनाना चाहेंगे और इस ढंग का ऐतिहासिक दृष्टि से प्रामाणिक जीवन-चरित्र प्रस्तुत करने का आयोजन करेंगे । प्रस्तुत ग्रन्थ के विद्वान लेखक ने वर्षों के ऐतिहासिक अनुसंधान द्वारा जो निष्कर्ष निकाले हैं, उन्हें एक नियमित क्रम देकर ग्रन्थाकार प्रकाशित करना शुरू किया है और यह उन निष्कर्षों का प्रथम भाग है । ..."इस प्रकार के प्रमाण-पुष्ट ऐतिहासिक विवेचन के कारण ऐसी नवीन सामग्री भी इस पुस्तक में देखने को मिलती है जिससे तत्कालीन इतिहास को फिर से जाँचने की आवश्यकता प्रतीत होती है । दैनिक 'आज' (वाराणसी) अबतक जितने जीवन-चरित्र महावीर स्वामी के प्रकाशित हुए हैं, वे या तो कथा के रूप में लिखे गये हैं या साधारण पाठक के लिए। प्रस्तुत पुस्तक का उद्देश्य इन दोनों से भिन्न है। यह खोज के क्षेत्र में काम करनेवाले विद्यार्थियों के लिए लिखी गयी है। शंकास्पद स्थलों पर तत्सम्बन्धी सभी प्रमाण एकत्र कर दिये गये हैं तथा स्थान निर्णय में बौद्ध और वैदिक ग्रन्थों की भी सहायता ली गयी है । इनके अतिरिक्त इस दशा में काम करनेवाले देशी-विदेशी विद्वानों ने जो भूलें की है, उनका भी मग्रमाण स्पष्टीकरण करने का प्रयास किया गया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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