Book Title: Tirthankar Mahavira Part 2
Author(s): Vijayendrasuri
Publisher: Kashinath Sarak Mumbai

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Page 10
________________ चन्द्र-सूर्य की वन्दना पार्श्वपत्यों का समर्थन २५- वाँ वर्षावास बेहास अभय आदि की देवपद-प्राप्ति भगवान् चम्पा में भगवान् पर कूणिक की निष्ठा का प्रमाण श्रेणिक के पौत्रों की दीक्षा २६- वाँ वर्षावास खेमकादि की दीक्षा श्रेणिक की रानियों की दीक्षा २७-वाँ वर्षावास गोशाला - काण्ड तेजोलेश्या निमित्तों का अध्ययन निमित्त ( ६ ) पूर्व गोशाला जिन बना भगवान् श्रावस्ती में मंखलिपुत्र का जीवन पणियभूमि गोशाला को तेजोलेश्या का ज्ञान गोशाला आनन्द-वार्ता दृष्टिविष सर्प आनंद द्वारा भगवान् को सूचना भगवान की चेतावनी Jain Education International For Private & Personal Use Only 62 τη ९१ £ 1 £ 1 ६३ ६३ ९४ ६४ ६४ ९८ ६८ १०१ १०२ १०४ १०४ ५०६ १०६ १०७ ११० ११२ ११३ ११४ ११२ ११२ www.jainelibrary.org

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