Book Title: Terapanth Pavas Pravas
Author(s): Navratnamalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 385
________________ ठाणा सहयोगी मुनि लाडनूं चा० सं० अग्रगण्य (दी० ऋ०) नाम गांव २०१० साध्वीश्री दीपांजी (८३०) सिरसा २०११ , पन्नांजी (८७६) देरासर २०१२ मुनिश्री चन्दनमलजी (४४१) सिरसा २६ लालचन्दजी (बीदासर) मूलचंदजी (गंगाशहर) , साध्वीश्री हरकंवरजी (८४२) फतेहतुर २०१३ , रूपांजी (८६८) सरदारशहर २०१४ टमकूजी (८५६) लाडनूं २०१५ , केशरजी (८१२) श्रीडूंगरगढ़ २०१६ , केशरजी (८६२) रतनगढ़ २०१७ गुलाबांजी (८६६) भादरा २०१८ नजरकंवरजी (७८१) वास २०१६ , जतनकंवरजी (८२८) राजगढ़ जुहारांजी (८६०) मोमासर २०२० आचार्यश्री तुलसीगणी लाडनूं ३१ साध्वी-प्रमुखा लाडांजी आदि २०२१ साध्वीश्री छोटांजी (७५२) तारानगर ___ , , मनोहरांजी (७६६) सुजानगढ़ २०२२ , हुलासांजी (७५६) सिरसा , , मनसुखांजी (८३२) मोमासर २०२३ , पानकंवरजी (८६४) पचपदरा । ,, सोनांजी (८७७) डीडवाना २०२४ मुनिश्री नथमलजी (३६४) बागोर ३ सोहनलालजी खाटू) नगराजजी (सरदारशहर) , साध्वीश्री सुन्दरजी (८४५) मोमासर । मोहनांजी (६४१) डीडवाना २०२५ रायकंवरजी (८३३) चाडवास पिस्तांजी (८७२) ऊमरा २०२६ , संतोकांजी (९६०) राजगढ़ ___" " भीखांजी (१०३०) सरदारशहर ) १. इस वर्ष से सेवाकेन्द्र में दो सिंघाड़ों के आने का क्रम चाल हुआ। २. इस वर्ष वृद्ध साध्वियों की सेवा में साध्वीश्री मोहनांजी (८७३) 'राजगढ़' तथा हर्षकुमारीजी (१००७) 'सरदारशहर' का सिंघाड़ा था। सिर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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