Book Title: Terapanth Pavas Pravas
Author(s): Navratnamalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 478
________________ आचार्य : जीवन-झांकी १. आचार्यश्री भीखणजी जन्म-सं०-१७८३ आषाढ़ शुक्ला १३ मंगलवार, कंटालिया (राज.)। पिता-बल्लूजी, माता-दीपांजी। जाति-ओसवाल, गोत्र-सुकलेचा। द्रव्य दीक्षा-सं०-१८०८ मृगसर कृष्णा १२, बगड़ी (राज.) । बोधि-प्राप्ति-सं०--१८१५, राजनगर (राज.)। भाव-दीक्षा-सं०-१८१७ आषाढ़ शुक्ला १५, केलवा (राज.)। स्वर्गवास-सं०.-१८६० भाद्रव शुक्ला १३ मंगलवार, सिरियारी (राज.)। अनशन-सात प्रहर तिविहार । स्वर्गवास के समय विद्यमान साधु २१, साध्वियां २७ । २. आचार्यश्री भारीमालजी जन्म-सं०-१८०४ मूहा बड़ा (राज.) । पिता-किशनोजी, माता-धारिणीजी। जाति-ओसवाल, गोत्र-लोढ़ा । द्रव्य दीक्षा-सं०-१८१३, बागोर (राज.)। भाव दीक्षा-सं०-१८१७ आषाढ़ शुक्ला १५, केलवा (राज.)। युवाचार्य पद-सं०-१८३२ मृगसर कृष्णा ७, बीठोड़ा (राज.)। आचार्य पद-सं० १८६० भाद्रव शुक्ला १३, सिरियारी (राज.)। स्वर्गवास-सं० १८७८ माघ कृष्णा ८, राजनगर (राज.)। अनशन-नौ प्रहर (६ प्रहर का सागारी, ३ प्रहर चौविहार)। स्वर्गवास के समय विद्यमान साधु ३५, साध्वियां ४२ । ३. आचार्यश्री रायचन्दजी जन्म-सं०-१८४७, बड़ी रावलियां (राज.)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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