Book Title: Terapanth Pavas Pravas
Author(s): Navratnamalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 11
________________ आशीर्वचन पदयात्रा, चातुमासिक प्रवास वार्षिक चर्या के ये दो अंग है। इनमें से चार्तुमासिक प्रवास का विवरण प्रस्तुत पुस्तक में संकलित है। यह एक दर्पण है, इसमें तेरापंथ धर्मसंघ के साधु-साध्वियों के दीर्घकालिक प्रवास को देखा जा सकता है । इतिहास की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है। उसमें चार्तुमास स्थल बदले हैं, नये-नये जुड़े हैं, इसके आधार पर बदलती हुई अनेक स्थितियों का आकलन किया जा सकता है । इस पुस्तक के संकलन में मुनि नवरत्नमलजी ने काफी श्रम किया है। यह लेखा जोखा उसका स्वयंभू साध्य है। जैन विश्व भारती का यह प्रकाशन जानकारी और उपयोगिता दोनों दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है युवाचार्य महाप्रज्ञ २०१६ उदयपुर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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