Book Title: Tattvasangraha Part 01
Author(s): Dwarikadas Shastri
Publisher: Bauddh Bharati

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Page 25
________________ विषयक्रमः २३ २२९ २७२ २३० ३०० २३८ ३०८ शङ्करस्वामिमतखण्डनम् २२१ अभिजल्पाभिधानपक्षनिरसनम् २४९ उद्द्योतकरोपन्यस्तानुमाननिरसनम् २२३ बुद्ध्याकारपक्षवारणम् २४९ सामान्यस्य बाधकं प्रमाणम् २२४ प्रतिभापक्षे दोषः २४९ दूषणान्तरम् २२५ सर्वेष्वेव पक्षेषु समानं दूषणम् २५० सामान्यदूषणोपसंहारः २२७ अर्थविवक्षानुमापकपक्षखण्डनम् । २५० १४. विशेषपदार्थपरीक्षा २२८ शब्दानामपोहार्थत्वे परविरोधोत्पादः २५१ विशेष-दूषणम् .. २२८ भामहमतम् २५२ प्रशस्तमतेरुत्तरम् २२८ कुमारिलमतम् २५२ तत्प्रतिविधानम् २७० उद्द्योतकरमतम् कुमारिलमतोपसंहारः १५. समवायपदार्थपरीक्षा . २३० उत्तरपक्षः २७३ समवायदूषणोपक्रमः २३० आचार्यदिङ्नागवचनसमर्थनम् २७६ समवायदूषणम् भामहमतखण्डनम् २७६ प्रशस्तमतेरुत्तरम् । २३३ कुमारिलमतखण्डनम् २७७ तत्प्रतिविधानम् २३३ कुमारिलोक्ता हेतोरसिद्धता २९९ परस्य शङ्का, तन्निरसनं च २३५ तत्प्रतिविधानम् २९९ परस्य प्रत्यवस्थानम् .' २३६ वैशेषिकाशङ्कनम् ३०० तत्प्रतिविधानम् २३६. तत्प्रतिविधानम् १६.शब्दार्थपरीक्षा क्रियाकालादिसम्बन्धनिराकरणम् ३०१ पराभिमतपारमार्थिकालम्बनत्व० . २३८ उद्द्योतकरमतखण्डनम् तत्प्रतिविधानम् २३८ अपोहशब्दार्थव्यवस्थायां स्वलक्षणादीनां शब्दार्थत्वासम्भव० २४० परकृताव्यापितोद्भावनम् ३१० स्वलक्षणेऽशब्दार्थत्वम् तत्प्रतिविधानम् ३११ नैयायिकाभिमतव्यक्त्याकृतिशब्दार्थ०२४३ परपक्षे दोषोद्भावनम् ज़ातितद्योगयो: शब्दार्थतानिरसनम् २४४ ४ १७. प्रत्यक्षलक्षणपरीक्षा ३१४ उपसंहारः . . २४५ प्रमाणे परेषां विप्रतिपत्तिनिराकरणम् ३१४ बुद्ध्याकारस्य शब्दार्थतानिरासः २४५ प्रत्यक्षलक्षणम् . ३१४ अस्त्यर्थादीनां शब्दार्थतानिरसनप्रतिज्ञा२४५ - कल्पनायाः स्वरूपम् ३१४ समुदायस्य शब्दार्थतापक्षः . २४६ लक्षणकारमतम् ३१६ असत्यसंसर्गस्य शब्दार्थतापक्षः २४६ वृत्तिग्रन्थसङ्गमनम् ३१६ असत्योपाधिसत्यस्य शब्दार्थतापक्षः २४६ परमतम् ३१८ अभिजल्पत्वापन्नशब्दस्य- . तत्खण्डनम् शब्दार्थतापक्षः २४६ लक्षणकाराभिप्रायवर्णनम् ३१९ पारमार्थिकबाह्यवस्त्वध्यस्त न्यायमुखसङ्गमनम् ३१९ बुद्ध्याकारस्य शब्दार्थतापक्षः । २४६ आचार्यमतम् ३१९ प्रतिभाहेतुत्वमात्रपक्षः २४७ प्रत्यक्षस्य कल्पनापोढत्वम् । ३२० अस्त्यर्थाभिधानपक्षनिरसनम् २४८ पूर्वपक्षाशङ्कनम् ३२१ २४८ पूर्वपक्षप्रतिक्षेपः ३२१ समाधानम् २४८ प्रमाणान्तरम् समुदायाभिधानपक्षनिरसनम् २४९ दिगम्बरसुमतिमतम् ३२४ असत्यसंसर्ग-असत्योपाधिसत्या तत्प्रतिविधानम् ख्यपक्षद्वये दोषः २४० ३११ ३१८ शङ्का ३२३ ३२५ २४९

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