Book Title: Tattvarthadhigam Sutra Part 01
Author(s): Udayprabhvijay
Publisher: Vijay Kesharchandrasuri Foundation Girivihar Turst

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Page 456
________________ परिशिष्ट-८ परिशिष्ट-८ भूमिकागतसाक्षीग्रन्थानामकारादिक्रम: ग्रंथनाम ...................... पृ. ग्रंथनाम अंगप्रज्ञप्ति ..........................................३३ तत्त्वार्थसूत्र सुबोधिनि टीका ................. अनुयोगद्वारसूत्र .................................८,११ तत्त्वार्थ टिप्पणि ............ अनेकान्तजयपताका.......... ..........११ त्रिषष्टिपुराण..... अभिधान राजेन्द्रकोष .......... दर्शनपाहुड .......... अममचरित्र. .......... दिगंबरीयप्रतिक्रमणसूत्रटीका ............... दशवैकालिक.. अष्टसहस्री .......................... ......१.११ अष्टसहस्रीटिप्पणी ..........................१,१०,१६ देवगुप्तसूरिकृततत्त्वार्थकारिकाटीका ... ४०,४२,४४ आचारदिनकर ....... ............८ द्रव्यसप्तति. ............२ आचारांग श्रुतस्कंध .................. ....२०,४६,४७ धर्मबिंदुप्रकरण ................................८, २८ धर्मरत्नप्रकरणवृत्ति ..............................४, आप्तपरीक्षा. धर्मसङ्ग्रहणी............ ........... आवश्यकचूर्णि ....................... ............ धर्मसङ्ग्रहणीवृत्ति .............. आवश्यकनियुक्ति .... धर्मसागरीयपट्टावली.. उत्तराध्ययनसूत्र ..................... धवलाटीका ....... उत्तराध्ययनसूत्रवृत्ति ............. नंदिसूत्र ......... ओघनियुक्तिटीका नंदिसूत्रचूर्णि ....................... कर्मप्रकृतिपद ........... नवतत्त्वप्रकरण .....३१, ३८ कल्पसूत्र स्थविरावली .. नवपदप्रकरणवृत्ति. .................५,४०,४१,४४ काव्यमाला ...................... नागरतालुकानो शीलालेख .................. ...........५ कृतिकलापकहावली .. न्यायदीपिका ....... गुरुगीता ........................ .......... पंचास्तिकाय गुरुपर्वक्रम ..... पञ्चकल्पभाष्य गुर्वावली .. पञ्चाशक जंबुद्वीपसमासवृत्ति पञ्चाशकवत्ति ..... ४,६,७ जंबूद्विपप्रज्ञप्ति ................. पट्टावलीपरागसंग्रह ....... ...........१६ ठाणांगसूत्र ......................... पट्टावलीसारोद्धार .......... तत्त्वार्थभाष्य ....७,१०,२५,२८,३५ पाटलिपुरनगरकल्प .......... तत्त्वार्थसूत्र .................................. १७,३५ पाणिनीयव्याकरण ... तत्त्वार्थ प्रशस्ति ............................... १,४,५ पुष्पदंतपुराण. तत्त्वार्थवृत्ति .........................................३८ पूजाप्रकरण <iॐ ॐm ........ का ......... .............४ 908 .......... .......४,६,८ mum ..... ......

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