Book Title: Tao Upnishad Part 05
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 2
________________ शोजक के वच० कोटी व वचन एक ज्ञानी है-एक परम ज्ञानी के। और वह तुमसे जो भी कह रहा है. वह प्रयोग के लिए कह रहा है। वह तुम्हें कोई सिद्धांत नहीं दे रहा है, न तुम्हें किसी शास्त्र में बांधने का आयोजन है, न तुम्हें कोई कद अनुशासन दे रहा है। तुम्हें सिर्फ एक बोध दे रहा है। उस बोध की सुवास को तुम पकड़ो आ तर तो ही लाओत्से की सही व्यानव्या तुम्हारी समझ में आएगी। अपने ही भीम जेल जागोगे तब तुम पाओगे बालोर जो कहा है वह कहा ओशो

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