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स्याद्वादबोधिनी-२१६ अनेक शिक्षण संस्थाओं, पुस्तकालयों, चिकित्सा-केन्द्रों का संचालन प्रापकी प्रेरणा तथा आशीर्वाद से हो रहा है। आपके पावन पवित्र व्यक्तित्व में श्रावक-वृन्द पर सम्मोहन-सा प्रभाव डालने वाली समर्थता है ।
अहिंसा के पुजारी !
आप अपने पावन प्रवचनों के द्वारा देश के कोने-कोने में भगवान महावीर के सिद्धान्तों को गुजायमान कर रहे हैं। आप पथ से भटके लोगों को अहिंसा के सच्चे मार्ग पर चलने का रास्ता दिखा रहे हैं। आपके तप एवं त्यागमयी जीवन से, आपकी वाणी में भरे पोज द्वारा बहुत से मांसाहारी आपके पवित्र और अमृतमय शब्दों को सुनकर सदा-सदा के लिए शाकाहारी बन गये हैं।
परम श्रद्धेय गुरुदेव !
आपश्री जैसे कर्मवीर और मानवतावादी महान् आध्यात्मिक सन्त को पाकर अाज हम अपने को गौरवान्वित अनुभव करते हैं ।