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स्याद्वादबोधिनी-२२०
हम शासनदेव से यही प्रार्थना करते हैं कि प्रापश्री की मंगलमय छत्रछाया इसी प्रकार शताब्दियों तक हम पर बनी रहे।
बस, इन्हीं मंगल कामनाओं के साथ यह 'अभिनन्दनपत्र' हृदय की असीम श्रद्धा-भक्ति के साथ समर्पित करते हुए
हम हैं आप के धर्मलाभ के आकांक्षी राजस्थान पत्रकार महासंघ के सभी सदस्यगण ।
ओसवाल ज्योति
सम्पादक-रतनलाल बरडिया वर्ष ७ अंक ३ फरवरी ६७ जयपुर से उद्धृत
नानाशास्त्रकदम्बरत्नभरिता, सारल्य - संस्थापिता। स्याद्वादार्थविबोधनाय सुभगा, स्याद्वादसम्बोधिनी ॥ बालानां हितकारिणी स्फुटतया, सिद्धान्तसारैस्तथा । स्याद्वादात्मकरुक्मसूत्रनिहिता मालेव संराजते ।