Book Title: Syadwad Bodhini
Author(s): Jinottamvijay Gani
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

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Page 238
________________ जैन जगत् के महान् संत परमपूज्य आचार्य श्री सुशीलसूरीश्वरजी म. सा. के पावन पवित्र चरण-कमलों में सभक्ति सादर समर्पित अभिनन्दन-पत्र राष्ट्र के महान संत ! पाप भारतीय संस्कृति, धर्म एवं दर्शन जगत् के एक चमकते हुए सितारे हैं। आपके जीवन के कण-कण में ज्ञान की ज्योति, सत्य की मधुर सुरभि और समता की रसधारा प्रवाहित हो रही है । भारत की सन्त परम्परा के आप एक महान् गौरव हैं। आपके दिव्यज्ञान, त्याग और तपस्या से प्राज समूचा राष्ट्र आलोकित हो रहा है । परम गुरुभक्त ! आपने अपने गुरुदेवों द्वारा जलायी गई ज्ञान-ज्योति को सदा प्रज्वलित रखते हुए राष्ट्र के कोने-कोने में शिक्षा,

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