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नामृतम्
& जिनगुणसम्पत्ति व्रत विधान
आदिपुराण जैसे महान ग्रन्थों में महिमा को प्राप्त इस विधान की रचना परम पूज्य जिनवाणी के लाइले सुपुत्र मुनि श्री सुविधिसागर जी महाराज ने की है। इस कृति में व्रत कथा, व्रतजाप्य, व्रतविधि, विधान का नक्शा आदि भी समाहित है। सहयोग राशि :- २० रुपये
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3 रोटतीज विधान
परम पूज्य युवासन्त श्री सुविधिसागर जी महाराज की जादुई लेखनी से निःसृत यह अनुपम रचना है। साथ में व्रतविधि, व्रतजाप्य, व्रतकथा और विधान का नक्शा भी संलग्न है । सहयोग राशि :- ११ रुपये
• श्रुतस्कन्ध विधान
अज्ञातकर्तुक लेखक प्रणीत संस्कृत रचना तथा परम पूज्य युवामुनि श्री सुविधिसागर जी महाराज द्वारा रचित हिन्दी रचना इस कृति का वैशिष्ट्य है। साथ में सरस्वती स्तोत्र व्रतकथा व्रतविधि, व्रतजाप्य, सरस्वती मन्त्र और विधान का नक्शा भी इस कृति में सम्मिलित है।
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सहयोग राशि :- १५ रुपये
4 सुगन्धदशमी व्रत विधान
यह रचना परम पूज्य श्री सुविधिसागर जी महाराज के पुनीत करकमलों से हुई है। व्रतकथा, व्रतजाप्य, व्रतविधि और विधान का नक्शा भी इस कृति में प्रस्तुत है ।
सहयोग राशि :- १० रुपये
● निर्दु :खसप्तमी व्रत विधान
यह रचना परम पूज्य श्री सुविधिसागर जी महाराज के पुनीत करकमलों से हुई है। व्रतकथा, व्रतजाप्य, व्रतविधि और विधान का नक्शा भी इस कृति में प्रस्तुत है ।
सहयोग राशि :- १० रुपये
300-90000o