Book Title: Sutra Samvedana Part 01
Author(s): Prashamitashreeji
Publisher: Sanmarg Prakashan

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Page 317
________________ २८४ Re-range ..मा परिकार.... rown aurat सम्मान प्रकार *आपकानदार बामाको वि.heel. -MRPxt माया *4-10 बेवाव्य लिम मबिर निर्माण अपना जीनगर में ही व्यय हो ETChart फिजाज व्यासायची मात्र परीष की महाशान fivaratr और Omm मा adu निस ने ई उमलती कार ही नियत सीरहेको अपने नित MEnema reuser . orat समितिका (Mama टर) र एथली हो तिला पाहिल्यास जी crement Here नारनवर लिग सकता ही सोमबार पसमा कि जो योरेही यात्रा कर दिया और मायालयात गजलमा कालिज २०८ मा अब अजब से महातीरae0निजात किरक जिला कहा स्तोम मानबर Are | पुण्यात्माओ ! सन्माग सिर्फ एक हजार रुपया एक ही बार भर कर आप जीवनभर के लिए आपके और आपके परिवार के आत्मा का बीमा करवा सकते हैं | यह बीमा कंपनी है - 'सन्मार्ग' पाक्षिक | हाँ ! हर पन्द्रह दिन में एक बार वह आपके घर आ कर आपको मिलता है और आपके आत्महित की चिन्ता करता है । पिछले ग्यारह साल जितने कम समय में जैन जगत में उत्कृष्ट ख्याति-प्रतिष्ठा प्राप्त किए 'सन्मार्ग' पाक्षिक के बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं लगता । यह सन्मार्ग में जगप्रतिष्ठित व्याख्यानवाचस्पति पू. आ. श्री विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा के, हर एक आत्मा को जागृत करनेवाले प्रवचन तो आते ही है और अधिकांश में हम अभी जिनके प्रवचनों को सुनने में एकाग्र बन जाते हैं, प्रभुवाणी में ओतप्रोत हो जाते हैं, जिन्हें सुनने का बारबार मन होता है, वो प्रवचनप्रभावक पू. आ. श्री विजय कीर्तियशसूरीश्वरजी महाराज के जिनाज्ञानिष्ठ प्रवचनों का हूबहू अवतरण उसमें नियमित रूप से प्रकाशित होता है | इसके अलावा - शंका-समाधान, प्र नोत्तरी, शासन-समाचार, आगम के अर्क देते लोक और सांप्रतकालीन प्रवाहों के बारे में शास्त्रीय मार्गदर्शन परोसा जाता है । सन्मार्ग के विशिष्ट रंगीन विशेषांकों ने अपनी खुद की उत्कृष्ट पहचान स्थापित की है। हर पन्द्रह दिन A4 साइझ के १६ पन्ने, हर साल करीब ३०० पेज का वाचन, विशिष्ट विशेषांक सुपर व्हाईट पेपर पर आकर्षक प्रिन्टींग में घर बैठे यह मिलता है । फिर भी आजीवन सदस्यता सिर्फ रु. १०००/सन्मार्ग जीवनभर घर आकर आपका आत्मकल्याण करेगा । आज ही अपना सभ्यपद प्राप्त करें ।

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