Book Title: Sulabh Dhatu Rup Kosh Part 01 02 03 Author(s): Krushnaji B Virkar, Kulchandravijay Publisher: Jinshasan Aradhana Trust View full book textPage 6
________________ सुलभधातुरूपकोशः PART I (For standard IV) First Group of Conjugations ( गणांचा प्रथम वर्ग) ( CONJUGATIONS I, IV, VI, AND X प्रयन, चतुथ, पाठ २ दशम गण , : Terminations ( 77377) परस्मैपद __ आत्मनेपद Present Tense वर्तमानकाल Sing. Dual Plural Sing. Dual Plural एकवचन द्विव० बहुव० एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुय* मि वस् मस् । इ वहे महे द्वितीय पुरुष सि थम् थ से इथे तृतीय पुरुष ति तस् अन्ति ! ते इते अन्ते Imperfect Tense अनद्यतन किंवा अपूर्णभूतकाल । प्रथम पुरुष अम् व म ! इ वहि द्वितीय पुरुष स् तम् त थास् इथाम् ध्वम् तृतीय पुरुष त् ताम् अन् । त इताम् अन्त Imporative Mood आज्ञार्थ प्रथम पुरुष. आनि आव आम | ऐ आवहै आमहै द्वितीय पुरुष . तम् त । स्व इथाम् तृतीय पुरुष तु ताम् अन्तु | ताम्। इताम् अन्तान् महि ध्वम् * Correct Sanskrit terms, however, are : 1st person = 57 पुरुष, 2nd person = मध्यम पुरुष, and 3rd person = प्रथम पुरुष.Page Navigation
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