________________
108 : श्रमण, वर्ष 65, अंक 3-4/जुलाई-दिसम्बर 2014 इस संगोष्ठी में दो सत्रों में प्रतिभागियों ने अपने शोधपत्र एवं विचार प्रस्तुत किये। इसमें देश के लगभग सत्रह विश्वविद्यालयों के अठहत्तर विद्वानों ने सहभागिता की एवं बीस शोधपत्रों का वाचन हुआ। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता ख्यातिलब्ध शिक्षाविद् एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद के पूर्व सदस्य प्रो. एस. बी. सिंह ने की, मुख्य अतिथि थे आई. एम. एस. बी. एच. यू. के निदेशक प्रो. राणा गोपाल सिंह तथा विशिष्ट अतिथि थे राममनोहर लोहिया वि.वि. फैजाबाद के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. आर. के. सिंह। समापन सत्र की अध्यक्षता नेशनल प्रोफेसर प्रो. महेश्वरी प्रसाद ने की, इस सत्र के मुख्य अतिथि थे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.के. पी. उपाध्याय तथा विशिष्ट अतिथि थे अकादमिक स्टाफ कॉलेज काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. आनन्द वर्धन शर्मा। इस संगोष्ठी के संयोजक थे डॉ. अशोक कुमार सिंह, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, निदेशक थे डॉ. संजीव सराफ उपग्रंथालयी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा सचिव थे डॉ. ओमप्रकाश सिंह, पुस्तकालयाध्यक्ष पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी। 4. शोधपत्र-प्रस्तुति दर्शन एवं धर्म विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा सेन्टर फॉर स्टडीज इन सिविलाइजेशन, शिमला के संयुक्त तत्त्वावधान में 22 एवं 23 नवम्बर 2014 को आयोजित राष्ट्रिय संगोष्ठी में डॉ. अशोक कुमार सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, ने 'Jaina concept of Science of Discrimination (Bhedvijnana) : Excelence of Spirituality' शीर्षक पर शोधपत्र प्रस्तुत किया तथा डॉ. राहुल कुमार सिंह, रिसर्च एसोसिएट, पार्श्वनाथ विद्यापीठ ने 23 नवम्बर को 'योग-बिन्दु में आध्यात्मिक विकास' शीर्षक पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत
किया।
*****