Book Title: Sramana 1994 04
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 146
________________ महावीर पुरस्कार वर्ष 1994 प्रबन्धकारिणी कमेटी, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी (राजस्थान) द्वारा संचालित जैनविद्या संस्थान, श्रीमहावीरजी के वर्ष 1994 के "महावीर पुरस्कार" के लिए जैनधर्म, दर्शन, इतिहास, साहित्य, संस्कृति आदि से सम्बन्धित किसी भी विषय की पुस्तक/ शोध-प्रबन्ध की चार प्रतियाँ दिनांक 30 सितम्बर, 1994 तक आमंत्रित हैं। इस पुरस्कार में 11001 रुपये एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जायेगा। 31 दिसम्बर, 1990 के पश्चात् प्रकाशित पुस्तक ही इसमें सम्मिलित की जा सकती हैं। अप्रकाशित कृतियाँ भी प्रस्तुत की जा सकती हैं। अप्रकाशित कृतियों की तीन प्रतियाँ स्पष्ट टंकण/फोटोस्टेट की हुई तथा जिल्द बंधी होनी चाहिए। स्वयंभू पुरस्कार वर्ष 1994 दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी (राजस्थान) द्वारा संचालित अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर के वर्ष 1994 के "स्वयंभ पुरस्कार"के लिए अपभ्रंश साहित्य से सम्बन्धित विषय पर हिन्दी अथवा अंग्रेजी में रचित रचनाओं की चार प्रतियाँ 30 सितम्बर, 1994 तक आमन्त्रित हैं। इस पुरस्कार में 5001 रुपये एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जायेगा। 31 दिसम्बर, 1988 से पूर्व की प्रकाशित तथा पहले से पुरस्कृत कृतियाँ सम्मिलित नहीं की जायेंगी। अप्रकाशित कृतियाँ भी प्रस्तुत की जा सकती हैं। उनकी तीन प्रतिया स्पष्ट टंकण/फोटोस्टेट की हुई तथा जिल्द बंधी होनी चाहिए। पुस्तकें संस्थान की सम्पत्ति रहेंगी वे लौटाई नहीं जायेगी। नियमावली तथा आवेदन का प्रारूप प्राप्त करने के लिए अकादमी कार्यालय से पत्र-व्यवहार करें। सम्पर्कसूत्र -- दिगम्बर जैननसियाँ भट्टारकजी सवाई राम सिंह रोड, जयपुर--302 004 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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