Book Title: Sramana 1990 04
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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________________ प्रधान सम्पादक प्रो० सागरमल जैन सहसम्पादक डा. शिवप्रसाद - - - वर्ष ४१ अप्रैल-जून १९९० अंक ४-६ - प्रस्तुत अंक में १. जैनधर्म में तीर्थ की अवधारणा -प्रो० सागरमल जैन २. जैन संस्कृति और श्रमण परम्परा .. -डॉ० शान्ताराम भालचन्द्र देव ३ मानव व्यक्तित्व का वर्गीकरण -डा० त्रिवेणी प्रसाद सिंह ४. सूत्रकृतांग में वर्णित दार्शनिक विचार -डा० श्रीप्रकाश पाण्डेय ५. पार्श्वनाथ जन्मभूमि मंदिर, वाराणसी की पुरातत्त्वीय वैभव -प्रो० सागरमल जैन ७७ ६. प्रबन्धकोश का ऐतिहासिक वैभव --प्रवेश भारद्वाज ७. विद्याश्रम की गतिविधियाँ १०१ ८. जैन जगत् १०३ ९. साहित्य सत्कार १०५ वार्षिक शुल्क चालीस रुपये एक प्रति दस रूपया - यह आवश्यक नहीं कि लेखक के विचारों से सम्पादक अथवा सस्थान सहमत हो। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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