Book Title: Sitaram Chaupai
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 441
________________ ( २८५ ) खण्ड ६ १-तिल्ली रा गीतनी ढाल मेडतादिक नगरे प्रसिद्ध छ।। २३५ २-गलियारे साजण मिल्या मारुराय, दो नयणी दे चोट रे धणवारी लाल । हसिया पण वोल्या नहीं मारुराय, काइक मन मांहि खोटरे। आज रहठ रंगमहल मई मा० ए गीतनी ढाल २४१ ३-ठमकि ठमकि पाय नेउरी वजावइ, गज गति बाह ग० लुडावइ रंगीली ग्बालणि आवइ ए गीतनी ढाल २४७ ४-दिल्ली के दरबार मई लख आवइ लख जाइ। एक न आवइ नवरंग खान जाकी पथरी ढलि ढलि जावइ वे नवरंग वइरागी लाल । ए गीतनी ढाल २४६ ५-श्री नउकार मनि ध्याय राग गउडी जाति जकडीनी २५७ ६-राग केदारा गौड़ी मिश्र वीरा हो थारइ सेहरइमोह्या पुरुप वियार लाडणवी० ए विवाह रा गीतनी ढाल ७-सील कहइ जगि हुं बड़ो ए संवादशतक नी वीजी ढाल अथवा-पास जिणंद जुहारीयइ ए तवननी ढाल २७६ ___ २७३ -

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