Book Title: Sitaram Chaupai
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 440
________________ ( २८४ ) मण्ड ८ १-अमा म्हाकी चित्रालंकी जोइ अमा म्हाकी मारुडइ मइ बासी को साद सुहामणो रे लो, ए गीतनी १६६ २-झांखर दीवा न वलइ रे, कालरि कमल न होउ। छोरि मूरिख मेरी वाहडिया, मीया जोरजी प्रोति न जोइ । जन्हइया वे यार लवासिया, जोबन जासिया बे, वहुर न आसिया। ए गीतनी ढाल। ए गीत सिध मांहे प्रसिद्ध छ। २०६ 3-नोखारा गीतनी जाति ( मारवाड़ ढुंढाड़ मई प्रसिद्ध छइ ) राग-मल्हार २१६ ४-चउपईनी। ५-कोई पूछो वांभण जोसी रे, हरिको मिलण कद होसी रे राग तिलंग धन्यासिरी। २२५ ६.-सूबरा तू सुलताण, वीजा हो वीजा हो थारा सुंबरा ओलगू हो ए गीतनी ढाल जोधपुर, नागोर, मेड़ता नगरे प्रसिद्ध छ २२७ ७--अम्मा मोरी मोहि परणावि हे अम्मा मोरी जेसलमेर जादवां हे। जादव मोटा राय, जादव मोटा राय हे अम्मां मोरी कडि मोडी नइ घोड़े चढे हे। ए गीतनी ढाल-राग खंभायती सोहलानी । २३४

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