Book Title: Sindur Prakar Author(s): Padmavijay Gani Publisher: Master Umedchand Raichand View full book textPage 2
________________ ॥ णमोसिद्धचक्कस्स ॥ मूल-शद्धार्थ-छंदोबद्ध गूर्जर भाषा टीका-अर्थ सहित श्री सिंदर प्रकरः॥ आचार्य श्रीमान् सोमप्रभ सूरीश्वर छंदोबद्ध गूर्जर टीकाना बनावनात शाशन सम्राट्-सूरिचक्र चक्रवर्ति सुगृहीतनामधेय-परमोपकारिशिरोमणि आचार्य “श्रीमद्विजय नेमिसूरीश्वरविनेयाणु -शास्त्रविशारद-कविदिवाकर-महोपाध्याय श्रीमान् पद्मविजयगणी.” आर्थिक सहायक-धर्मनिष्ठ शा. चेलाभाई चुनीलाल. संस्कृत विद्यार्थि वर्गने महान् उपयोगी जाणी छपावी प्रसिद्ध करनार: स्तंभतीर्थ निवासी-मास्तर उमेदचंद रायचंद. ० पांजरापोळ : अमदावाद. किंमत ०--८-०Page Navigation
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